जानिए एकादशी के दिन क्यों नहीं खाना चाहिए चावल
Updated : Tue, 10 Jan 2023 05:23 PM

सनातन धर्म में व्रत-उपवास को विशेष महत्व माना गया है। धर्म शास्त्रों में उल्लेख है कि भगवान श्री कृष्ण ने उपवास में सबसे श्रेष्ठ एकादशी को बताया है। हिन्दू पंचांग के अनुसार 11 वीं तिथि को एकादशी कहा जाता है। प्रत्येक माह में दो एकादशी आती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार एकादशी व्रत करने वाला व्यक्ति सभी सांसारिक सुखों को भोग अंत में मोक्ष का अधिकारी होता है। एकादशी व्रत के दिन अन्न का सेवन वर्जित होता है। वहीं, इस दिन चावल खाना निषेध माना गया है। चाहे आप इस दिन एकादशी का व्रत रखे या ना रखे। ऐसा कहा गया है कि एकादशी के दिन चावल खाने से मांस खाने का अपराध लगता है। आइए जानते है क्यों है एकादशी के दिन चावल खाना निषेध है।
सनातन धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार आदि शक्ति मां भागवती के क्रोध से बचने हेतु महर्षि मेधा ने अपने शरीर का ही त्याग कर दिया था, जिसके बाद उनके शरीर के अंश पृथ्वी में समा गए थे। मान्यता है उन अंशों के धरती में समाने के परिणाम स्वरूप धरती से चावल के पौधे की उत्पत्ति हुई।
ऐसा माना जाता है कि चावल किसी भी प्रकार का अन्न नहीं है बल्कि वह एक जीव है। कथानुसार जिस दिन महर्षि मेधा ने शरीर त्यागा था, उस दिन एकादशी थी। इसके चलते ही एकादशी को चावल खाना निषेध मना गया है। ऐसी मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल खाना महर्षि मेधा के रक्त एवं मांस खाने के बराबर है, जिससे अपराध लगता है और अगले जन्म में व्यक्ति को सर्प के रूप में जन्म मिलता है।