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करदाताओं को राहत, एडजस्टमेंट पर 21 दिन में अधिकारियों को करना होगा फैसला

Updated : Sun, 04 Dec 2022 01:38 PM

देशभर के आयकरदाताओं के लिए खुशखबरी है। आयकर विभाग ने बकाया कर के मुकाबले रिफंड एडजस्टमेंट करने की समयसीमा को कम कर दिया है। इससे करदाताओं को राहत मिलने की उम्मीद है। कर अधिकारियों को अब इस तरह के मामलों में अब 21 दिन में निर्णय करना होगा। माना जा रहा है कि इस फैसले से विभाग और आयकरदाता के बीच मुकदमेबाजी में कमी होगी।

आयकर निदेशालय ने कहा है कि मूल्यांकन अधिकारियों को फैसला करने के लिए दी गई 30 दिन की समयसीमा को 21 दिन कर दिया गया है। इस फैसले से करदाताओं को जल्दी रिफंड मिलेगा।

जारी बयान में कहा गया कि अगर करदाता एडजस्टमेंट के लिए सहमत नहीं है या आंशिक रूप से सहमत है, तो मामले को केंद्रीकृत प्रसंस्करण केंद्र द्वारा तुरंत मूल्यांकन अधिकारी को भेजा जाना चाहिए, जो 21 दिन के भीतर सीपीसी को अपनी राय देंगे कि समायोजन किया जा सकता है या नहीं।

इस संबंध में एएमआरजी एंड एसोसिएट के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि रिफंड के समायोजन से जुड़े कई मामलों में सीपीसी ने पाया कि मांग का गलत वर्गीकरण या मूल्यांकन अधिकारी की प्रतिक्रिया नहीं मिलने के चलते रिफंड का गलत एडजस्टमेंट हुआ। ऐसे में अनावश्यक मुकदमेबाजी हुई। उन्होंने कहा कि ताजा निर्देश के बाद करदाता की शिकायतों का जवाब 21 दिन में देना होगा।