हिरासत में युवक की मौत के बाद CID जांच से खुली हैरान करने वाली सच्चाई, इन 17 पुलिसकर्मी की गर्दन फंसी
Updated : Mon, 21 Apr 2025 11:09 PM

पुलिस हिरासत में पिटाई के बाद युवक की मृत्यु के मामले में 17 पुलिसकर्मियों की गर्दन फंस गई है। सीआईडी ने विवेचना में सिकंदरा थाने में तैनात इंस्पेक्टर, दो दारोगा, चार हेड कांस्टेबल समेत 17 पुलिसकर्मियों को अवैध हिरासत और गैर इरादतन हत्या का आरोपित पाया है। सीआईडी ने चार्जशीट तैयार कर अभियोजन की स्वीकृति को शासन को फाइल भेज दी है।
सिकंदरा क्षेत्र के गैलाना रोड स्थित नरेंद्र एन्क्लेव में रहने वाली रेनू गुप्ता के इकलौते बेटे 30 वर्षीय राजू गुप्ता की 22 नंवबर 2018 को मृत्यु हुई थी। कॉलोनी में रहने वाले अंशुल प्रताप के घर से गहने चोरी के शक में राजू को सिकंदरा पुलिस ने 21 नवंबर 2018 को हिरासत में ले लिया था, जबकि उसके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं था।
22 नवंबर को पुलिस की पिटाई के बाद दहशत में राजू की तबीयत खराब हुई। पुलिस उसे अस्पताल लेकर पहुंची। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उसके शरीर पर चोटों के निशान थे।
इसके बाद सिकंदरा थाने में हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें अंशुल प्रताप सिंह, विवेक व अज्ञात पुलिसकर्मी शामिल थे। लोहामंडी थाने से मुकदमे की विवेचना हुई। पुलिस ने दारोगा अनुज सिरोही, अंशुल प्रताप सिंह और विवेक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा में तहत चार्जशीट लगा दी थी। इसके बाद मानवाधिकार आयोग ने मामले की विवेचना सीआइडी से कराने के निर्देश दिए गए थे।