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औरंगजेब की क्रूरता का साक्षी मुसम्मन बुर्ज... यहीं कैद में शाहजहां ने तोड़ा था दम, 8 साल सहा बेटे का जुल्म

Updated : Thu, 20 Mar 2025 11:08 PM

मुसम्मन बुर्ज हूं... ताजमहल की तामीर कराकर दुनिया को मोहब्बत की अनमोल निशानी ताजमहल देने वाले शाहजहां ने ही धवल संगमरमर से मेरा निर्माण कराया था। मेरे जर्रे-जर्रे में हो रहे पच्चीकारी के काम को देखकर पर्यटक वाह-वाह कर उठते हैं, लेकिन मेरे अतीत से जुड़े काले अध्याय की दास्तां सुनकर दु:खी हो उठते हैं। वो काला अध्याय है, अपने ही बेटे औरंगजेब के हाथों बंधक बने शाहजहां के अंतिम आठ वर्षों का। औरंगजेब का बंदी बना शाहजहां यहीं से अपनी बेगम मुमताज के मकबरे को निहारा करता था। यहीं उसने अंतिम सांसें लीं। औरंगजेब को लेकर देश में बहस छिड़ी है।

 

नागपुर में सोमवार को संघर्ष छिड़ने पर कर्फ्यू लगाना पड़ा। औरंगजेब की औरंगाबाद के खुल्दाबाद स्थित कब्र को खोदने पर इनाम की घोषणा की जा चुकी है। आगरा के अतीत से भी औरंगजेब का नाम जुड़ा है।

 

औरंगजेब ने आगरा किला में शाहजहां को बनाया था बंधक

औरंगजेब ने आगरा किला में शाहजहां को बंधक बनाया था। शाहजहां के बीमार पड़ने के बाद उसके बेटों में सत्ता के लिए संघर्ष हुआ था। शाहजहां अपने बड़े बेटे दाराशिकोह को गद्दी पर बैठाना चाहता था। सामूगढ़ के युद्ध में दाराशिकोह को औरंगजेब ने हरा दिया था।

दाराशिकोह भाग खड़ा हुआ और शाहजहां को वर्ष 1658 में औरंगजेब ने आगरा किला में बंधक बना लिया। उसने आगरा किला में यमुना से जाने वाले पानी को भी रोक दिया था। बंदी काल में शाहजहां मुसम्मन बुर्ज से ही ताजमहल देखा करता था। जनवरी, 1666 में यहीं उसकी मृत्यु हो गई थी।

 

झरोखा दर्शन को अकबर ने रेड सैंड स्टोन से बनवाया था

किले में एएसआइ द्वारा लगाए गए नोटिस बोर्ड के अनुसार मुसम्मन बुर्ज को शाह बुर्ज या झरोखा भी कहते थे। अकबर ने झरोखा दर्शन को रेड सैंड स्टोन से इसका निर्माण कराया था। वो यहां से सूर्योदय के समय सूर्योपासना करना था। जहांगीर ने भी इसका इस्तेमाल झरोखे के रूप में किया।