Agra: पुलिस पर हमले के पीछे है खनन का बड़ा खेल, पहली बार नहीं हुआ ऐसा; बॉर्डर के विवाद का उठाते हैं फायदा
Updated : Fri, 08 Sep 2023 04:42 PM

Agra खेरागढ़-जगनेर सीमा पर खनन माफिया और उसके गुर्गों ने पुलिस पर हमला बोल दिया। पुलिस की जवाबी फायरिंग करते ही हमलावर ट्रैक्टर-ट्रालियां छोड़कर राजस्थान सीमा में भाग गए। पुलिस ने बालू से भरी पांच ट्रैक्टर-ट्रालियां जब्त की। वहीं जगनेर पुलिस ने गिट्टी से भरा एक डंपर बरामद किया है। इस तरह का हमला पहली बार नहीं था क्योंकि इसके पीछे कमाई का काला खेल चलता है।
खेरागढ़-जगनेर सीमा पर खनन माफिया और उसके गुर्गों ने मंगलवार की आधी रात को पुलिस पर हमला बोल दिया। ताबड़तोड़ फायरिंग की। पुलिस की जवाबी फायरिंग करते ही हमलावर ट्रैक्टर-ट्रालियां छोड़कर राजस्थान सीमा में भाग गए। पुलिस ने बालू से भरी पांच ट्रैक्टर-ट्रालियां जब्त की। वहीं, जगनेर पुलिस ने गिट्टी से भरा एक डंपर बरामद किया है। इससे पहले भी पुलिस पर हमले की कई सारी घटनाएं हो चुकी है।
- 2 जनवरी 2022: पिनाहट थाना क्षेत्र में पुलिस पर फायरिंग कर ट्रैक्टर-ट्राली छुड़ा ले गए।
- 8 नवंबर 2020: सैंया में आरक्षी सोनू कुमार पर ट्रैक्टर चढाकर हत्या कर दी थी।
- 14 जुलाई 2020: किरावली में बालू से भरी ट्रैक्टर-ट्राली चढ़ाकर सिपाही राघवेंद्र को किया घायल।
- 6 जुलाई 2015: फतेहाबाद में लालपुरा के पास पुलिस पर हमला।
- 19 दिसंबर 2019: सिकंदरा थाना क्षेत्र में खनन माफिया के गुर्गों ने आरक्षी पर ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया।
- 3 नवंबर 2019: इरादत नगर क्षेत्र में गुर्गों ने दारोगा निशामक त्यागी को गोली मारकर घायल किया।
- 18 अक्टूबर 2019: खेरागढ़ क्षेत्र में बालू से भरी ट्रैक्टर-ट्रालियां रोकने पर हमले में दो आरक्षी घायल।
- 5 जून 2019: खेरागढ़ के बरहरा गांव में बालू से भरे ट्रैक्टर-ट्राली रोकने पर पुलिसकर्मियों पर फायरिंग
बता दें धौलपुर की सीमा से लगे खेरागढ़, जगनेर, बसई जगनेर, इरादत नगर और सैंया के गांवों के कच्चे रास्तों से खनन माफिया कमाई कर रहे हैं। चंबल नदी से खनन का काम मुख्य रूप से गांव खरगपुर और बधियाना से होता है।
राजस्थान सीमा पर पुलिस की सख्ती होने पर बालू से भरीं ट्रैक्टर-ट्रालियां खनन माफिया और उनके गुर्गे इन गांवों के आसपास खड़ा कर देते हैं। मौका मिलते ही इन रास्तों से होकर आगरा की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं। चंबल नदी से बालू से भरी ट्रैक्टर-ट्राली तीन हजार की होती है, बाजार में इसके छह हजार रुपये वसूले जाते हैं।