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प्रतिबंधित PFI ने चार चरणों में इस्लामिक शासन का बनाया था प्लान, ATS ने चार्जशीट में बताई पूरी योजना

Updated : Thu, 09 Feb 2023 05:00 PM

प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) 2047 के अंत तक इस्लामिक शासन स्थापित करने का नापाक मंसूबा बना रहा था। मुंबई के आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने 1113 पन्नों की चार्जशीट में यह दावे किए। चार्जशीट के मुताबिक, एटीएस ने प्रतिबंधित संगठन के गिरफ्तार सदस्यों से जब्त किए गोपनीय दस्तावेजों से यह जानकारी एकत्रित की। जिसमें चार चरणों में इस साजिश को अंजाम दिया जाना था।

प्रतिबंधित PFI के सदस्यों की हुई थी गिरफ्तारी

प्रतिबंधित पीएफआई के सदस्यों मजहर खान, सादिक शेख, मोहम्मद इकबाल खान, मोमिन मिस्त्री और आसिफ हुसैन खान को गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में पिछले वर्ष गिरफ्तार किया गया था।

सितंबर 2022 में केंद्र ने आईएस जैसे आतंकी समूहों के साथ ''लिंक'' रखने और देश में सांप्रदायिक घृणा फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए पीएफआई और उसके कई सहयोगियों को कड़े आतंकवाद विरोधी कानून के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।

मुस्लिमों का ब्रेनवॉश कर रहा था प्रतिबंधित संगठन

दस्तावेजों से पता चला कि प्रतिबंधित संगठन अपने सदस्यों को किसी भी परस्थिति से निपटने के लिए ट्रेनिंग दे रहा था। साथ ही मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवॉश भी कर रहा था। प्रतिबंधित पीएफआई के 5 सदस्यों के खिलाफ दायर 1113 पन्नों की चार्जशीट में प्रतिबंधित संगठन की बुकलेट के साथ पूरी योजना का जिक्र किया गया है। इस बुकलेट को कुछ महत्वपूर्ण लोगों के साथ साझा किया गया था।

दावा किया गया है कि मुस्लिम देश में दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक समुदाय है। इंडोनेशिया के बाद मुस्लिमों की सबसे बड़ी आबादी भारत में रहती है, इसके बावजूद मुस्लिमों के साथ भेदभाव किया गया। इस तरह का दावा करके मुस्लिमों का ब्रेनवाश करने की कोशिश की गई है।

बता दें कि प्रतिबंधित संगठन ने मुसलमानों को उकसाने का प्रयास किया है। बुकलेट में कहा गया है कि आजादी के बाद से उच्च जाति के हिंदुओं के प्रभुत्व वाली भारत सरकार ने मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण उपायों को अपनाया। प्रतिबंधित संगठन का मानना है कि अगर कुल मुस्लिम आबादी का 10 फीसदी भी एकजुट हो गए तो बहुसंख्यक समुदाय को घुटनों पर ला देंगे।