90 साल बाद मिट गई बिजलीघर की पहचान: सीएम योगी ने जिस टनल का किया शुभारंभ, वहां बना था बिजलीघर
Updated : Tue, 07 Feb 2023 11:35 AM

बिजलीघर चौराहा। यह नाम आगरा शहर में 90 साल तक चला और सोमवार से बिजलीघर का अस्तित्व ही समाप्त हो गया। बिजलीघर चौराहे पर अब न बिजलीघर है और न ही 1933 में मार्टिन बर्न कंपनी द्वारा स्थापित ऊंची चिमनी, जो बिजलीघर की इमारत तोड़ने के साथ ही हटा दी गई। जिस जगह सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेट्रो के लिए टनल का शुभारंभ किया, उसी जगह पर यह बिजलीघर बना हुआ था। यहां से भूमिगत स्टेशन और सेक्शन तैयार किए जाएंगे।
आगरा किला के सामने डॉ. आंबेडकर प्रतिमा वाले पार्क के सामने साल 1933 में लगे बिजलीघर यानी पावर प्लांट लगा था। वरिष्ठ पत्रकार राजीव सक्सेना के मुताबिक कोयले से चलने वाले 0.5 मेगावाट क्षमता के प्लांट की क्षमता बढ़ाकर 29.75 मेगावाट कर दी गई थी। 18 दिसंबर 1973 को यूपी स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड को मार्टिन बर्न कंपनी का यह बिजलीघर हस्तांतरित हो गया। बाद में ताजमहल के प्रदूषित होने के मामले में यह बिजलीघर बंद कर दिया गया, पर चौराहे का नाम बिजलीघर ही बना रहा।
साल 2003 में शिफ्ट कर दिया बस अड्डा
बिजलीघर बंद होने के बाद भी यहां बिजलीघर बस अडडा बना रहा, लेकिन साल 2003 में इसे ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आईएसबीटी पर शिफ्ट कर दिया गया। फिर भी चौराहे का नाम बिजलीघर ही रहा। अब इसका नाम ओ निशान ही मिटा दिया गया। यूपी पावर कारपोरेशन ने स्क्रैप में यहां लगी चिमनी को तोड़कर हटा दिया। बिजलीघर से पहले इस चौराहे का नाम मुगल काल से त्रिपोलिया चौक था, जो आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन के निर्माण के लिए तोड़ दिया गया था। चक्कीपाट निवासी धर्मेंद्र सोनी के मुताबिक इस चौराहे से उनकी कई यादें जुड़ी हुई है। घर से ही चिमनी नजर आती थी, जिसे अब मेट्रो के लिए हटा दिया गया है। इस चिमनी के हटते ही बिजलीघर की पहचान खत्म हो गई।