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पाकिस्तान के बिगड़े हालात से प्रभावित हो सकता है पूरा क्षेत्र, IMF के दौरे से पहले भारतीय विशेषज्ञों का आकलन

Updated : Mon, 30 Jan 2023 05:18 PM

पाकिस्तान में खस्ताहाल खजाने की वजह से वहां पर देशव्यापी बिजली की कटौती, सरकारी खाद्य वितरण केंद्रों पर मारामारी व भगदड़, महंगाई में निरंतर बढ़ोतरी और पाकिस्तानी रुपये का गिरना जारी है। पाकिस्तानी मुद्रा एक साल में करीब 50 प्रतिशत नीचे गिरकर एक डॉलर के मुकाबले 262 रुपये पर पहुंच गई है। भारतीय विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की बिगड़ती दशा के दुष्परिणाम पूरे क्षेत्र को झेलने पड़ सकते हैं। खराब होती आर्थिक स्थिति के बीच पाकिस्तान सरकार मंगलवार से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अधिकारियों से कर्ज लेने के संबंध में वार्ता करेगी।

पाकिस्तान के सामने कड़ी शर्त रख सकता है आईएमएफ

माना जा रहा है कि कर्ज देने के लिए आईएमएफ पाकिस्तान के सामने कड़ी शर्तें रख सकता है। इन शर्तों को मानना पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे देश में बड़ा राजनीतिक संकट पैदा हो सकता है। इस स्थिति में पाकिस्तान में अस्थिरता बढ़ सकती है और मौके का फायदा उठाकर आतंकी संगठन मजबूत हो सकते हैं। ऐसे में पाकिस्तान सरकार मूलभूत समस्याओं से लोगों का ध्यान हटाने के लिए पड़ोसी देशों से विवादों को हवा दे सकती है।

पाकिस्तान में बढ़ सकती है मुश्किलें

पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त रहे टीसीए राघवन के अनुसार, आईएमएफ की शर्तों के चलते पाकिस्तान की जनता की मुश्किलें बढ़ेंगी और उससे राजनीतिक व्यवस्था को बड़ा नुकसान होगा। उल्लेखनीय है कि नवंबर 2022 में आईएमएफ ने पाकिस्तान के लिए सात अरब डॉलर का कर्ज स्वीकृत किया था, लेकिन उसे देने के लिए आर्थिक ढांचे में सुधार की कड़ी शर्तें जोड़ दी थीं। उसी की पहली किस्त देने के लिए अब वार्ता होगी।

पाकिस्तान को खुद के दम पर होना होगा खड़ा

थिंक टैंक रिसर्च एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर डेवलपिंग कंट्रीज के पूर्व महानिदेशक विश्वजीत धर के अनुसार, पाकिस्तान में व्याप्त समस्याओं के निदान के लिए वर्तमान में कर्ज मिलना जरूरी है, लेकिन यह स्थायी निदान नहीं है। पाकिस्तान को अपने बल पर खड़े होना पड़ेगा, इसके लिए वहां की व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन की जरूरत होगी, जो निकट भविष्य में संभव नहीं लगता।

वरिष्ठ राजनयिक राजीव डोगरा कहते हैं कि पाकिस्तान अपने गठन के बाद से ट्रिपल ए (पाकिस्तान आर्मी, अमेरिका और अल्लाह) के सहारे चला आ रहा है। पाकिस्तानी वित्त मंत्री इशाक डार ने अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए अल्लाह का वास्ता दिया है। देखना होगा कि उनका भरोसा कितना सही बैठता है।