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एसएन में फैक्टर न मिलने से हीमोफीलिया मरीज की मौत, सड़क हादसे में घायल होने पर नहीं रुक रहा था खून

Updated : Mon, 16 Jan 2023 04:29 PM

हीमोफीलिया से पीड़ित की रविवार को एसएन मेडिकल कालेज में इंजेक्शन नहीं मिलने की वजह से मृत्यु हो गई। यहां इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होने पर उसे लखनऊ रेफर किया गया था। रास्ते में ही मरीज ने दम तोड़ दिया। हीमोफीलिया पीड़ितों के उपचार को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये का बजट होने के बावजूद मरीज की इंजेक्शन के अभाव में मृत्यु होने से स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

सड़क हादसे में हुए थे घायल

फिरोजाबाद के थाना मटसैना के डौकेली निवासी अवधेश कुमार (25) का शनिवार को कोटला रोड पर हुई सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। वह हीमोफीलिया से पीड़ित थे। अवधेश को स्वजन शनिवार रात तीन बजे एसएन मेडिकल कालेज लेकर आए थे। हीमोफीलिया की वजह से अवधेश को लगातार रक्तस्राव हो रहा था। उन्हें इंजेक्शन (फैक्टर) लगाया जाना था, जिससे कि खून का थक्का जमने से रक्तस्राव रुक जाए। एसएन मेडिकल कालेज में इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होने पर घायल को लखनऊ रेफर किया गया था।

अवधेश के भतीजे आनंद कुमार ने बताया कि लखनऊ ले जाते समय फिरोजाबाद में मक्खनपुर के समीप उनके चाचा ने दम तोड़ दिया। अगर एसएन मेडिकल कालेज में इंजेक्शन मिल गया होता तो उनके चाचा की जान बच जाती।

जनहित याचिका में दिए थे व्यवस्था के निर्देश

हीमोफीलिया सोसायटी आगरा के सचिव मनोज शर्मा ने बताया कि हीमोफीलिया से पीड़ित लोगों के उचित उपचार की मांग को इलाहाबाद हाईकोर्ट में वर्ष 2008 में जनहित याचिका दायर की गई थी। कोर्ट के आदेश पर हीमोफीलिया से पीड़ितों के उपचार को 26 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष मिलते हैं। इतना फंड मिलने के बावजूद पीड़ित की समय पर इंजेक्शन नहीं मिलने से मौत हो जाना दु:खद है। उन्होंने शनिवार को ही एसएन मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. प्रशांत गुप्ता से मुलाकात की थी और फैक्टर इंजेक्शन की उपलब्धता के बारे में जानकारी की थी।