मरने के बाद भी आंखें रहती हैं जिंदा, नेत्रदान कराने के लिए एक काल पर पहुंच रही एसएन की टीम
Updated : Wed, 07 Dec 2022 06:05 PM

आगरा के एसएन मेडिकल कालेज में अंधता से पीड़ित मरीजों की जिंदगी में उजाला नेत्रदान से मिलने वाली कार्निया से हो रहा है। इस वर्ष 40 कार्निया नेत्रदान में मिल चुकी हैं लेकिन कार्निया प्रत्यारोपित कराने वाले मरीजों की संख्या बहुत अधिक है। मृत्यु होने के छह घंटे के अंतराल पर नेत्रदान कराया जा सकता है, एसएन मेडिकल कालेज की टीम एक काल पर घर पर पहुंच कर नेत्रदान करा रही है।
एसएन के नेत्र रोग विभाग के पूर्व विधागाध्यक्ष डा. एनएन अग्रवाल के निधन पर उनके स्वजनों ने एसएन में नेत्रदान कराया, वे 89 वर्ष के थे। इसी महीने में एसएन में चार नेत्रदान हो चुके हैं। एसएन की आइबैंक की प्रभारी डा. शेफाली मजूमदार ने बताया कि इस वर्ष नेत्रदान से 40 कार्निया मिल चुकी हैं।मृत्यु होने के छह घंटे के अंतराल पर नेत्रदान किया जा सकता है, इसके लिए एसएन मेडिकल कालेज की नेत्र बैंक द्वारा हेल्प लाइन नंबर भी जारी किया गया है। इस नंबर पर फोन करते ही कुछ देर में एसएन की टीम पहुंच जाती है और नेत्रदान करा दिया जाता है। नेत्रदान से मिली दो कार्निया से ऐसे लोग जो अंधता के शिकार है उनकी जिंदगी में रोशनी लौट रही है।