जिला जेल के किड्स कॉर्नर जोन में बचपन की पाठशाला, बच्चे खेल-खेल में सीख रहे जिंदगी का क, ख, ग
Updated : Sun, 04 Dec 2022 04:34 PM

हालात ने उन्हें बिना किसी की खता के सजा काटने पर मजबूर कर दिया है। मां के जुर्म की सजा उन्हें मिल रही है। जेल की चहारदीवारी के पीछे रहने को मजबूर हैं। मगर, इस चहारदीवारी के पीछे भी कुछ ऐसा है, जो इन बच्चों को हर पल अपनी ओर खींचता है। यह आकर्षित करने वाला सामान कुछ और नहीं बल्कि जिला जेल का एक कमरा है। जिसमें बच्चों के मनपसंद खिलौने हैं। इन खिलौनों के साथ वह खेल-खेल में सीखते हैं।
उनकी इस जिज्ञासा को शिक्षक भी शांत करती हैं। जो उन्हें पढ़ा रही हैं, जिससे कि वह छह वर्ष की उम्र के बाद बाहर आएं तो स्कूल में प्रवेश ले सकें। अपनी आगे की पढाई कर भविष्य को बेहतर बना सकें।
जिला जेल में हैं 140 से अधिक महिला बंदी
जिला जेल में वर्तमान में 140 से अधिक महिला बंदी हैं। जिनके बीच छह बच्चे हैं। दो बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने इस चहारदीवारी के अंदर ही जन्म लिया है। एक बच्ची तो दो महीने पहले ही यहां जन्मी है। बच्ची को छोड़ कर यहां रहने वाले सभी बच्चे पढ़ाई भी कर रहे हैं। नई जेल नियमावली में महिला बंदियों के साथ रहने वाले वाले बच्चों के भविष्य पर भी काफी ध्यान दिया गया है। जेल में बच्चों के लिए किड्स कार्नर बनाने की कहा गया है। जिससे कि बच्चों बैरक से इतर माहौल देकर उनका स्वाभाविक विकास किया जा सके।