20 साल काटी निर्दोष विष्णु ने सजा, अब 18 महीनों से टूटी झोपड़ी में 'कैद'
Updated : Thu, 01 Dec 2022 01:20 PM

दुनिया जिसे कहते हैं मिट्टी का खिलौना है, मिल जाए तो मिट्टी है, खो जाए तो सोना है। जेल में जीवन के दो दशक बिताने के दौरान और भी क्या-क्या बीत जाता है, चहारदीवारी से बाहर आने के बाद ही पता चलता है। जिन दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने के लिए बेचैन रहे, पता चला कि उनके पास अब वक्त ही नहीं है। वह सभी परिवार और नौकरी के संतुलन की जद्दोजहद के बीच सूचीबद्ध जीवन जीने के रास्ते पर चलने का प्रयास कर रहे हैं।
केंद्रीय कारागार की चहारदीवारी में दशक बिताने के बाद बाहर आने वाले बंदी विष्णु कुमार तिवारी भी इसी दुविधा से दो-चार हो रहे हैं। उन्हें अंदर से ज्यादा बाहर की दुनिया में धोखा दिखाई दे रहा है। वह स्वजन के बीच वापस आ गए, लेकिन अपने पुनर्वास के लिए अभी भी प्रयासरत हैं। अधिकारियों के साथ ही उनके द्वारा किए वादे भी स्थानांतरित हो गए।