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12 ज्योतिर्लिगों में प्रथम है गुजरात का सोमनाथ मंदिर

Updated : Wed, 30 Nov 2022 12:30 PM

शिव पुराण के अनुसार सोमनाथ ज्योतिर्लिंग पृथ्वी पर विराजमान भगवान शिव के सभी ज्योतिर्लिंगों में से प्रथम ज्योतिर्लिंग बताया गया है। यह मंदिर गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर की खास विशेषता यह है कि इसे लगभग 17 बार विदेशी आक्रामणकारियों द्वारा तोड़ा गया, लेकिन हर बार इसका और भी भव्यता के साथ पुर्ननिर्माण किया गया।

सोमनाथ मंदिर की ऊंचाई लगभग 155 फुट है। मंदिर के शिखर पर रखे हुए कलश का वजन करीब दस टन है और इसकी ध्वजा 27 फुट ऊंची और 1 फुट परिधि की है। मंदिर के चारों ओर विशाल आंगन है। मंदिर का प्रवेश द्वार कलात्मक है। मंदिर तीन भागों में विभाजित है, नाट्यमंडप, जगमोहन और गर्भगृह। मंदिर के बाहर वल्लभभाई पटेल, रानी अहिल्याबाई आदि की मूर्तियां भी लगी हैं। समुद्र किनारे स्थित ये मंदिर बहुत ही सुंदर दिखाई देता है।

शिवपुराण के अनुसार चंद्र देव ने यहां राजा दक्ष प्रजापति के श्राप से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव की तपस्या की थी और उन्हें यहीं ज्योर्तिलिंग के रूप में विराजमान रहने की प्रार्थना की थी। बता दें कि सोम, चंद्रमा का ही एक नाम है और शिव को चंद्रमा ने अपना नाथ यानि स्वामी मानकर यहां तपस्या की थी। इसी के चलते ही इस ज्योतिर्लिंग को सोमनाथ कहा जाता है।