G-20 के अध्यक्ष के तौर पर भारत निभाएगा अपनी जिम्मेदारी, बढ़ती महंगाई को थामने का देगा फार्मूला
Updated : Tue, 29 Nov 2022 01:50 PM

भारत एक दिसंबर, 2022 से दुनिया के आर्थिक इंजन समझे जाने वाले शीर्षस्थ 20 देशों के संगठन जी-20 का आधिकारिक तौर पर अध्यक्ष बन जाएगा। दिसंबर, 2022 से सितंबर, 2023 के बीच भारत के 50 शहरों में जी-20 के तहत तकरीबन 200 बैठकों का आयोजन होगा। भारत की कोशिश होगी कि अभी दुनिया के समक्ष जो अहम आर्थिक चुनौतियां हैं उनका व्यापक समाधान निकालने को लेकर सभी देशों के बीच एक सहमति बने।
भारत अपने अनुभव को दूसरे देशों से करेगा साझा
पूरी दुनिया में जिस तरह से महंगाई की समस्या बढ़ती जा रही है और छोटे-बड़े सभी देशों के समक्ष मंदी की मार पड़ने का खतरा पैदा हुआ है, उसे दूर करने को लेकर एक वैश्विक रणनीति सामने आये। इसके साथ ही भारत की एक अहम कोशिश यह होगी कि आजादी के 75 वर्षों में उसने जो प्रगति हासिल की है उसको बेहतर तरीके से दुनिया के सामने रखा जाए।
जी-20 की तैयारियों से जुड़ी जानकारी देते हुए सरकार के उच्चपदस्थ अधिकारियों ने कहा कि भारत ने हाल के वर्षों में कई ऐसी उपलब्धि हासिल की है जिसे विकासशील व गरीब देशों को साझा किया जा सकता है। जैसे डिजिटल लेनदेन के मामले में या रिन्यूवेबल इनर्जी के मामले में।
जी-20 की बैठक में भारत अपने अनुभव को दूसरे देशों से साझा करेगा ताकि दूसरे देश इसका लाभ उठा सके। कोविड महामारी और उसके बाद यूक्रेन-रूस युद्ध से संयुक्त राष्ट्र की तरफ से समाजिक व आर्थिक विकास से जुड़े लक्ष्यों को हासिल करने की बात हाशिये पर चली गई है।
भारत इस बैठक के जरिए कोशिश करेगा कि फिर से इस पर बात हो और आगे किस तरह से बढ़ा जाए, इसको लेकर एक रास्ता सामने आये। यूक्रेन युद्ध ने खाद्य, उर्वरक और इंधन की आपूर्ति को काफी प्रभावित किया है। बाली शिखर बैठक में पीएम नरेन्द्र मोदी ने यह मुद्दा उठाया था।