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विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार, चार-पांच सौ पाने वाले कर्मचारियों से भी 25 से 40 रुपये कमीशन, जांच शुरू

Updated : Thu, 10 Nov 2022 12:42 PM

आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में कमीशन की जडे़ं गहरी हैं। हालात ये हैं कि रोजाना 400-500 रुपये पाने वाले कर्मचारियों से भी हर दिन के हिसाब से 25 से 40 रुपये कमीशन लिया जा रहा है। आउटसोर्स कंपनी के बिल की जांच में यह खुलासा होने पर कुलपति ने मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति बना दी है।
    
विश्वविद्यालय में आउटसोर्स पर करीब 130 कर्मचारी हैं। इनको उपलब्ध कराने का टेंडर नई दिल्ली की वेंकटेश्वर सिक्योरिटी प्राइवेट एजेंसी के पास है। विश्वविद्यालय की ओर से एजेंसी को इन कर्मचारियों के वेतन के लिए करीब 14 लाख रुपये का हर महीने भुगतान हो रहा है। 

प्रो. विनय पाठक के कार्यकाल में हुआ था टेंडर 

बीते सप्ताह वित्त विभाग की ऑडिट में एजेंसी ने नॉन स्किल कर्मचारी के वेतन (405 रुपये रोजाना) में से 25 रुपये और स्किल कर्मचारी के वेतन (499 रुपये रोजाना) में से 40 रुपये रजिस्ट्रार चार्ज के तौर पर दर्शाया है। इस कंपनी का टेंडर प्रभारी कुलपति रहे प्रो. विनय पाठक के कार्यकाल में हुआ है। 

इस मामले पर वित्ताधिकारी ने एजेंसी संचालक को पत्र लिखकर नोटिस भी भेजा है। कुलपति ने जांच के लिए सहायक कुलसचिव प्रशासनिक, सहायक कुलसचिव लेखा, ओएसडी और ओएस एकाउंट की समिति बना दी है। 

नौ गुना बढ़वाया सर्विस चार्ज 

वेंकटेश्वर सिक्योरिटी और अधिकारियों के बीच सांठगांठ कर नौ गुना सर्विस चार्ज बढ़वाने का मामला सामने आया है। एजेंसी को जनवरी 2022 में टेंडर मिला था, जिसमें सर्विस चार्ज के तौर पर 0.5 फीसदी तय था। एजेंसी ने सर्विस चार्ज 4.5 फीसदी करवा लिया। 

एजेंसी पर पहुंच गए 4.5 लाख रुपये अधिक 

एजेंसी को सर्विस चार्ज में 4.5 फीसदी की दर से ही विश्वविद्यालय से भुगतान भी होने लगा। इस तरह से एजेंसी के पास महीने में 4.50 लाख रुपये अधिक पहुंच गए। वित्त अधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि मामला सामने आने पर बीते महीने पुरानी दर से भुगतान किया है, एजेंसी पर पहुंच चुके रुपयों की रिकवरी कर रहे हैं।