कैसे हो बारिश में हुए नुकसान का आंकलन, सर्वे को नहीं पहुंच रही टीम, किसानों को मुआवजे का इंतजार
Updated : Tue, 08 Nov 2022 08:12 AM

वर्षा के कारण किसानों की बाजरा, सरसों और धान की फसल को बर्बाद हुए एक महीना हो गया है, लेकिन अभी तक किसानों के यहां नुकसान के आंकलन के लिए सर्वे टीम नहीं पहुंच रही है। बर्बादी की कगार पर पहुंच चुके किसानों के सामने संकट आर्थिक संकट खड़ा हो गया है, लेकिन जिला प्रशासन कागजों पर सर्वे करा रहा है। सर्वे लगभग पूरा बताया जा रहा है और शासन को भेजने के लिए रिपोर्ट तैयार हो रही है। किसानों को मुआवजे का इंतजार है।
पांच दिन की बारिश ने धाे दिए थे किसानों के सपने
सितंबर के अंतिम सप्ताह और अक्टूबर की शुरुआत में हुई वर्षा के कारण किसानों के खेतों में पानी भर गया था, जिससे तुरंत बोआई की गई सरसों जलमग्न हो गई थी। वहीं बाजरा की खेतों में खड़ी फसल बिछ गई थी। वहीं बाजरा की कटी हुई बालियां भीगने के कारण उनमें फंगस लग गई थी। पीड़ित किसानों को राजस्व विभाग की टीम का इंतजार है। बिचपुरी के किसान राजेंद्र ने बताया कि पांच दिन तक लगातार वर्षा होने के बाद खेत जलमग्न हो गए थे, जिससे बाजरा की फसल काे सर्वाधिक नुकसान हुआ था। अभी तक राजस्व विभाग की ओर से कोई नुकसान का आंकलन करने नहीं आया है। अछनेरा के किसान बिजेंद्र ने बताया कि तीन बीघा में सरसों की बोआई की थी पूरी फसल जलमग्न हो गई, बड़ा नुकसान हुआ था। फतेहपुर सीकरी के किसान उमेश सिंह ने बताया कि वर्षा के कारण पूरी फसल खेतों में बिछ गई। बाजरा में अंकुरण होने के कारण उपयोगी नहीं रहा। बाजरा की कटी हुई बालियां भीगने के कारण फंगस लग गई थी। उप निदेशक कृषि पुरुषोत्तम मिश्रा ने बताया कि किसानों की फसलों को हुए नुकसान की रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी गई है। राजस्व विभाग अपनी रिपोर्ट अलग तैयार करा रहा है। उसी के आधार पर मुआवजा मिलता है।