अबू धाबी में फांसी नहीं सीने में गोली मारकर दी गई थी शहजादी को मौत, कब्र का नंबर A7S1954 पिता बोले- CBI जांच हो
Updated : Sun, 09 Mar 2025 10:26 PM

शहजादी के पिता ने आगरा के जूता कारोबारी उजैर पर बेटी को बहलाकर ले जाने और अबूधाबी में बेचने के आरोप लगाए थे, पुलिस ने उसे क्लीन चिट दे दी। मानव तस्करी के आरोपों को फर्जी मानते हुए पुलिस मामले में कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट लगा दी । अब पिता ने पुलिस पर कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं और सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है।
मटौंध थाना क्षेत्र के गोयरा मुगली गांव की रहने वाली युवती शहजादी को अबूधाबी में एक बच्चे की हत्या के आरोपों में 15 फरवरी को मृत्यु की सजा सुनाई गई थी। इस बीच पिता शब्बीर खान ने आरोप लगाया था आगरा के नाई मंडी का रहने वाले उजैर ने बेटी को बहलाकर अपने पास बुलाया और अपनी बुआ नाजिया के यहां उसे बेच दिया। टीका लगने के कारण नाजिया के बच्चे की मौत हो गई और उनकी बेटी पर हत्या का आरोप लगा दिया गया।
अबू धाबी में सजा के पहले ही पुलिस ने लगा दी थी रिपोर्ट, अंतिम संस्कार के भेजे फोटो
शब्बीर ने कोर्ट की शरण ली। बांदा सत्र न्यायालय ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। इस पर आगरा के छोटा गालिब पुरा नाई की मंडी के रहने वाले जूता कारोबारी उजैर और उसकी फूफी नाजिया समेत पांच लोगों के विरुद्ध मानव तस्करी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने शहजादी को सजा दिए जाने से पहले ही कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट लगा दी।
बांदा के एसपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि अबूधाबी जाने से पहले ही शहजादी और उजैर का संवाद हो रहा था। उसके जाने के बाद स्वजन से भी उजैर से बातचीत हो रही थी। सजा से बचने को दबाव बनाने के लिए मुकदमा दर्ज कराया गया था।
सीने में गोली मार कर शहजादी को दी गई थी सजा
पिता शब्बीर के अनुसार 15 फरवरी को शहजादी को फांसी नहीं, गोली मारकर मृत्यु दंड दिया गया था। उनके अनुसार अबूधाबी की अल बाथवा जेल में शहजादी को एक खास किस्म का कपड़ा पहनाकर पोल से बांध दिया गया था। उसकी आंखों पर पट्टी थी। दोनों हाथ पीछे की तरफ बंधे थे। दिल के ठीक ऊपर एक कपड़े का टुकड़ा लगाया गया था। उसकी छाती पर गोली मारकर सजा दी गई। उसे छह मार्च को अबू धाबी में ही सिपुर्दे खाक किया गया था।