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कमर में पिस्टल, बातों में रौब... खुद को क्राइम ब्रांच का दारोगा बताकर युवक से मांगे 50 हजार, IPS के जाल में फंसा

Updated : Sun, 23 Feb 2025 11:37 PM

आगरा में खुद को स्पेशल क्राइम ब्रांच का दारोगा बताकर एक शातिर ने युवक से 50 हजार रुपये की मांग की। पुराने मुकदमे के दोबारा खुलने का हवाला देकर क्राइम ब्रांच की दबिश का हवाला दिया। कथित रूप से एसपी के हाथ की लिखी पर्ची दी। पीड़ित ने हरिपर्वत थाना की कमान संभाल रहे प्रशिक्षु आईपीएस अक्षय से मदद की गुहार लगाई।

 आगरा के नगला पदी क्षेत्र में खुद को स्पेशल क्राइम ब्रांच का दारोगा बता शातिर ने युवक से पचास हजार रुपये की मांग की। पुराने मुकदमे के दोबारा खुलने का हवाला देकर क्राइम ब्रांच की दबिश का हवाला दिया। कथित रूप से एसपी के हाथ की लिखी पर्ची दी।

 

पीड़ित ने हरिपर्वत थाना की कमान संभाल रहे प्रशिक्षु आईपीएस अक्षय से मदद की गुहार लगाई। आईपीएस के निर्देश पर जाल बिछाकर पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से वसूले गए रुपये और एक धारदार हथियार बरामद हुआ है।उससे पूछताछ की जा रही है।

 

नगला पदी, जागेश्वर नगर के संदीप कुमार ने बताया कि उनके घर के पास काफी समय तक विनोद कुमार नामक व्यक्ति किराए पर रहता था। दो वर्षों से उसने अपना ठिकाना बदल लिया था। कुछ माह पूर्व वो दोबारा क्षेत्र में आने लगा।

सादा कपड़ों में स्पोर्ट्स शूज पहन कमर में पिस्टल लगाकर लोगों को रौब दिखाता था। खुद के यूपी पुलिस की स्पेशल क्राइम ब्रांच में दारोगा के पद पर नियुक्ति और थाना हरिपर्वत चौकी पर तैनाती होने की बात कहता था। वर्दी न पहनने की बाबत लोगों को रात 11 से सुबह चार बजे की ड्यूटी बताता था। बीते सप्ताह विनोद ने उनसे संपर्क किया। पुराना मुकदमा खुलने और उनका नाम आने की जानकारी दी। क्राइम ब्रांच द्वारा दबिश दिए जाने की बात बोलकर खुद के द्वारा उसका पता न बताने की बात कही।

 

मामला निपटाने के लिए 50 हजार रुपयों की मांग की। इसके लिए सादा कागज पर कथित रूप से क्राइम ब्रांच के एसपी की पर्ची दी। पर्ची में एक मोबाइल नंबर पर बात करने और कथित दारोगा विनोद के भाई होने के कारण छोड़ने की बात लिखी थी। विनोद दारोगा के हाथ 50 हजार रुपये हरिपर्वत चौकी पर भेजने की बात लिखी थी। पर्ची देख संदीप के जीजा अजीत को मामला संदेहास्पद लगा। हरीपर्वत नाम से कोई चौकी न होने से उन्हें ठगी का शक हुआ।

 

पीड़ित ने प्रशिक्षु आईपीएस से की शिकायत

पीड़ित संदीप ने बताया कि आरोपित विनोद लगातार धमका रहा था। आधी रात फोन कर दबिश का हवाला देकर घर से भागने को कहता था। जीजा को शक हुआ तो वो थाना हरिपर्वत पता करने पहुंचे। प्रशिक्षु आईपीएस अक्षय से मुलाकात की। उनके सामने आरोपित से काल पर बात की। उसके द्वारा खुद को दारोगा बताने की पुष्टि के बाद आरोपित को रुपये देने को बुलाया। बीस हजार तत्काल और शेष रकम बाद में देने की बात तय की।