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जब यूपी के स्कूल में अचानक पहुंचे अधिकारी तो ऐसा था नजारा, आठवीं के विद्यार्थी यह भी नहीं बता पाए

Updated : Sat, 06 Apr 2024 02:31 AM

परिषदीय विद्यालयों में लाख दावों के बाद भी शिक्षा का स्तर नहीं सुधर रहा। कक्षा छठवीं सातवीं और आठवीं के विद्यार्थी विशेषण की परिभाषा तक नहीं जानते। नया सत्र प्रारंभ होने के बाद भी विद्यालयों में विद्यार्थी नहीं पहुंच रहे। शुक्रवार को मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (एडी) बेसिक डा. आइपीएस सोलंकी ने ब्लाक बरौली अहीर के विद्यालयों का निरीक्षण किया तो यह स्थिति मिली।

परिषदीय विद्यालयों में लाख दावों के बाद भी शिक्षा का स्तर नहीं सुधर रहा। कक्षा छठवीं, सातवीं और आठवीं के विद्यार्थी विशेषण की परिभाषा तक नहीं जानते। नया सत्र प्रारंभ होने के बाद भी विद्यालयों में विद्यार्थी नहीं पहुंच रहे। शुक्रवार को मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (एडी) बेसिक डा. आइपीएस सोलंकी ने ब्लाक बरौली अहीर के विद्यालयों का निरीक्षण किया, तो यह स्थिति मिली।

वह उच्च प्राथमिक विद्यालय जारूआ कटरा पहुंचे, तो पंजीकृत 111 में से सिर्फ 17 विद्यार्थी उपस्थित थे। कक्षा छह, सात और आठवीं के विद्यार्थी विशेषण की परिभाषा व उदाहरण नहीं बता पाए। अन्य प्रश्न पूछने पर भी यही स्थिति थी। इस पर एडी बेसिक ने कक्षा में विद्यार्थियों को भिन्न एवं दशमलव के प्रश्न हल करना सिखाया, तो विद्यार्थियों को समझ आ गया। एडी बेसिक ने शिक्षकों को सरल विधि से शिक्षण कार्य कराने, शिक्षा का स्तर सुधारने, विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने और अनुपस्थिति मिलीं अनुदेशक सरोज का मानदेय काटने के निर्देश दिए।

प्राथमिक विद्यालय इटौरा में 73 में से सिर्फ 45 विद्यार्थी उपस्थित मिले, कक्षा पांचवीं और चौथी के विद्यार्थी शब्द बर्तन नहीं पढ़ सके। न प्रश्नों को उत्तर दे पाए। वहीं प्राथमिक विद्यालय नगला दौलतिया में 85 में से 35 विद्यार्थी उपस्थित मिले। कक्षा एक में सिर्फ एक छात्र उपस्थित था। विद्यालय के प्रवेश द्वार पर जलभराव था, दो दिव्यांगों में से एक का दिव्यांग प्रमाणपत्र नहीं बन पाया था। उन्होंने उपस्थिति के साथ शिक्षा का स्तर बढ़ाने, दिव्यांग विद्यार्थियों के प्रमाणपत्र बनवाने के निर्देश दिए और लापरवाही पर कार्रवाई की चेतावनी दी।