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देश में CAA लागू तो हो गया, अब जानि‍ए गैर मुस्लिमों को कैसे मिलेगी नागरिकता

Updated : Tue, 12 Mar 2024 02:59 AM

सीएए के तहत भारतीय नागरिकता के लिए जिला स्तर पर आवेदन करना होगा। इन आवेदनों पर निर्णय लेने के लिए एक अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति की अध्यक्षता निदेशक (जनगणना संचालन) करेंगे। इस समिति में सात अन्य सदस्य होंगे। खुफिया ब्यूरो विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरपीओ) डाकघर और राज्य सूचना विज्ञान अधिकारियों को इसका सदस्य बनाया जाएगा।

इस समिति में सात अन्य सदस्य होंगे। खुफिया ब्यूरो, विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरपीओ), डाकघर और राज्य सूचना विज्ञान अधिकारियों को इसका सदस्य बनाया जाएगा।

इसके अलावा संबंधित राज्य के प्रधान सचिव (गृह) या अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) और मंडल रेलवे प्रबंधक के एक प्रतिनिधि को समिति में आमंत्रित किया जाएगा। शुरू में आवेदकों को जिला स्तरीय समिति के सामने नागरिकता के लिए आवेदन करना होगा।

अधिकार प्राप्त समिति के पास भेजने से पहले जिला स्तरीय समिति इस आवेदन पर कार्रवाई करेगी। अधिकार प्राप्त समिति नागरिकता नियम, 2009 के प्रविधानों के अनुसार नागरिकता प्रदान करेगी।

आवेदन की यह होगी प्रक्रिया

नागरिकता के लिए जिला स्तरीय समिति के सामने आनलाइन आवेदन करना होगा। जिला स्तरीय समिति दस्तावेज का सत्यापन करेगी। समिति के नामित अधिकारी आवेदक को निष्ठा की शपथ दिलाएंगे।

दस्तावेज का सत्यापन करने के बाद जिला स्तरीय समिति आवेदन को इलेक्ट्रानिक रूप में अधिकार प्राप्त समिति को भेजेगी।

अधिकार प्राप्त समिति आवेदक की उपयुक्तता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक जांच कर सकती है, जिसमें सुरक्षा एजेंसी से रिपोर्ट प्राप्त करना शामिल हो सकता है। सुरक्षा एजेंसी की रिपोर्ट आनलाइन अपलोड की जाएगी।

आवेदक की उपयुक्तता से संतुष्ट होने पर अधिकार प्राप्त समिति पंजीकरण या देशीयकरण द्वारा नागरिकता प्रदान कर सकती है।-प्रमाणपत्र को अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष द्वारा डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित किया जाएगा। अधिकार प्राप्त समिति (आनलाइन प्रारूप में) एक रजिस्टर भी बनाएगी। इसमें नागरिकता दिए गए व्यक्ति का विवरण होगा।

30 जिला मजिस्ट्रेटों को दी गई है नागरिकता देने की शक्तियां

पिछले दो वर्षों में नौ राज्यों में 30 से अधिक जिला मजिस्ट्रेटों और गृह सचिवों को नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले ह‍िंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को नागरिकता देने की शक्तियां दी गई हैं।

गृह मंत्रालय के अनुसार, एक अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक तीनों देशों के 1,414 गैर मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता दी गई। जिन राज्यों में जिला मजिस्ट्रेटों और गृह सचिवों को नागरिकता देने की शक्तियां दी गई हैं, उनमें गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र शामिल हैं।

असम और बंगाल के किसी भी जिले के अधिकारी को अब तक यह अधिकार नहीं दिया गया है, जहां यह मुद्दा राजनीतिक रूप से बहुत संवेदनशील है।