कबाड़ से जुगाड़ बनाने वाले आगरा डा. निखिल को मिला राज्य अध्यापक पुरस्कार, खेल-खेल में बच्चाें को विज्ञान सिखाई
Updated : Thu, 01 Feb 2024 05:02 PM

आगरा के एमडी जैन इंटर कालेज के विज्ञान शिक्षक हैं डा. निखिल जैन। डा. निखिल वर्तमान में समन्वयक जिला विज्ञान क्लब आगरा होने के साथ समन्वयक राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस समन्वयक व नोडल अधिकारी इंस्पायर अवार्ड आयोजन सड़क सुरक्षा अभियान के नोडल अधिकारी जवाहरलाल नेहरू बाल विज्ञान प्रदर्शनी के भी नोडल अधिकारी हैं। अभी वे यहां छात्राें को सांइस और मैथ की शिक्षा दे रहे हैं।
उप्र शासन ने मंगलवार को राज्य अध्यापक पुरस्कार और मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार की घोषणा कर दी। इस वर्ष 11 शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार और दो प्रधानाचार्यों को मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार दिया गया।
आगरा के हरीपर्वत स्थित एमडी जैन इंटर कालेज के विज्ञान शिक्षक डा. निखिल जैन को उनके कबाड़ से जुगाड़ बनाने के मंत्र विद्यार्थियों को देने पर राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए चुना गया।
मूल रूप से कासगंज और वर्तमान में यमुनोत्री कालनी, कमला नगर निवासी डा. निखिल ने कासगंज के सुमंत कुमार माहेश्वरी इंटर कालेज से 2001 में पढ़ान प्रारंभ किया और वर्ष 2009 में आगरा के प्रसिद्ध एमडी जैन इंटर कालेज को ज्वाइन किया।
गणित और विज्ञान पढ़ा रहे
निखिल कक्षा नौवीं और 10वीं के विद्यार्थियों को विज्ञान और गणित विषय पढ़ाते हैं। उन्होंने बताया कि विद्यालय में अधिकांश विद्यार्थी सामान्य और गरीब परिवारों से आते हैं, ऐसे में उनमें विज्ञान के प्रति रुझान विकसित करने के लिए मैंने कबाड़ को सहायक बनाया और उन्हें कबाड़ से विभिन्न जुगाड़ बनाकर प्रैक्टिकल कराकर समझाए। उन्हें समझाया कि प्रकाश का परावर्तन और अपवर्तन कैसे होता है।
खेल-खेल में विज्ञान सिखाई, अंधविश्वास को दूर करने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित किया और उनका मार्गदर्शन किया। इसका परिणाम यह रहा है कि वर्ष 2009 से अब तक उनके पढ़ाए दो हजार से अधिक बच्चे ने विभिन्न पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। इनमें से छात्र सुमित बघेल और सनी ने इंस्पायर अवार्ड मानक योजना में राष्ट्रीय स्तर लगातार दो वर्ष तक प्रतिभाग किया।
सुमित ने बनाया सेफ्टी रोलर बैरियर
सुमित ने सेफ्टी रोलर बैरियर बनाया था, जिससे वाहन दुर्घटना में चालक को कम हानि हो, वहीं सनी ने वर्टीएस्केप फार हाई रिस्क इमरजेंसी बनाया, जिससे बहुमंजिला इमारत में आग लगने पर लोगों को आसानी से बिना नुकसान पहुंचाए निकाला जा सके शामिल था।