जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा, जानिए मोदी सरकार ने अब तक किन-किन हस्तियों को इस सम्मान से नवाजा
Updated : Tue, 23 Jan 2024 05:18 PM

केंद्र सरकार ने मंगलवार को बिहार के पू्र्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने की घोषणा की। केंद्र सरकार ने आखिरी बार 2019 में भूपेन हजारिका को भारत रत्न से नवाजा था जिसके बाद अब ये उपाधि कर्पूरी ठाकुर को दी जाएगी। मोदी सरकार ने अब तक सात लोगों को भारत रत्न दिया है और आठवें भारत रत्न की घोषणा की है।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को बिहार के पू्र्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने की घोषणा की। केंद्र सरकार ने आखिरी बार 2019 में भूपेन हजारिका को भारत रत्न से नवाजा था, जिसके बाद अब ये उपाधि कर्पूरी ठाकुर को दी जाएगी।
बता दें कि जननायक कर्पूरी ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री थे। उन्हें पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने के लिए पहचान मिली हुई थी, जिन्हें अब मोदी सरकार ने भारत का सबसे बड़ा पुरस्कार भारत रत्न देने का एलान किया है।
सीएन आर राव और सचिन तेंदुलकर (2014)
मोदी सरकार ने 2014 में सीएन आर राव और सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न से नवाजा था।
- सीएन आर राव एक प्रख्यात रसायनज्ञ हैं, जिन्होंने रसायन विज्ञान के क्षेत्र में अपना अहम योगदान दिया है।
- सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के इतिहास में मास्टर ब्लास्टर के तौर पर जाने जाते हैं। उन्होंने 16 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में डेब्यू किया था। उनके नाम सौ शतक का रिकॉर्ड है। साथ ही उन्होंने सभी प्रारूपों में 30,000 से अधिक रन बनाए हैं।
पंडित मदन मोहन मालवीय और अटल बिहारी बाजपेयी (2015)
केंद्र सरकार ने 2015 में पंडित मदनमोहन मालवीय और अटल बिहारी बाजपेयी को भारत रत्न दिया था।
- पंडित मदन मोहन मालवीय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और अखिल भारतीय हिंदू महासभा के संस्थापक थे। वह महामना के रूप में जाने जाते थे।
- अटल बिहारी बाजपेयी भारत के तीन बार प्रधानमंत्री रहे थे। उन्हें 1994 में सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार से भी नवाजा गया था।
प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका (2019)
केंद्र सरकार ने 2019 में तीन लोगों को भारत से नवाजा था। इनमें प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका शामिल थे।
- प्रणब मुखर्जी भारत के 13वें राष्ट्रपति थे। पूर्व राष्ट्रपति का 2020 में COVID-19 के कारण निधन हो गया था।
- नानाजी देशमुख का असली नाम चंडिकादास अमृतराव देशमुख था। नानाजी देशमुख शिक्षा, ग्रामीण आत्मनिर्भरता और स्वास्थ्य में योगदान देने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने भारतीय जनसंघ के नेता के रूप में कार्य किया था।
- भूपेन हजारिका को सुधाकंठ (अमृत-कण्ठ) के रूप में पहचान मिली है। वह एक प्रख्यात फिल्म निर्माता, कवि, गीतकार, गायक और संगीतकार थे।