ठंड में हार्ट अटैक के नए मरीज हुए दोगुना, विशेषज्ञों के अनुसार मौसम में बदलाव, अनियमित गतिविधियों से खतरा बढ़ा
Updated : Fri, 05 Jan 2024 04:30 PM

ठंड में दिल का दौरा पड़ने की आशंका काफी बढ़ जाती है। दिल्ली-एनसीआर में पिछले दो-तीन हफ्ते के दौरान हार्ट अटैक वाले नए मरीजों की संख्या पहले की तुलना में दोगुनी हो गई है। इसमें सिर्फ उम्रदराज नहीं बल्कि युवा आयुवर्ग के नए मरीज भी आ रहे हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार ठंड की छुट्टियों में ह्दयघात का खतरा ज्यादा होता है।
ठंड की छुट्टियों और दिसंबर- जनवरी के दौरान दिल का दौरा पड़ने का खतरा ज्यादा रहता है। इस दौरान लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतने को लेकर अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की तरफ से आगाह किया गया है। एसएसएम हेल्थ डॉट कॉम के अनुसार क्रिसमस और जनवरी की छुट्टियों में हार्ट अटैक से ज्यादा लोगों की मौत होती है। भारत के संदर्भ में दिल की बीमारी के विशेषज्ञों का कहना है कि यह सही है कि ठंड के मौसम में हृदयघात की आशंका सबसे ज्यादा होती है। इस दौरान भारत में सबसे ज्यादा दिल के दौरे के नए मरीज सामने आते हैं। दिसंबर और जनवरी के दौरान यहां पड़ने वाली ठंड, मौसम में बदलाव, प्रदूषण के बढ़ते स्तर और अनियमित शारीरिक गतिविधि, अनहेल्दी खानपान के कारण ज्यादातर केस सामने आते हैं। इस दौरान आउटिंग खासकर ठंड एरिया में जाने को लेकर बीपी व दिल के मरीजों के साथ सभी को सतर्क रहने की जरूरत है। इससे बचने के लिए हार्ट अटैक आशंका के लिए जरूरी टेस्ट और सावधानी अपनाने से दिल के दौर को रोका जा सकता है।
गुरुग्राम सनार इंटरनेशनल हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ. डीके झांब ने बताया कि ठंड में दिल के नए मरीज बढ़ जाते हैं। इसमें जरूर 55-60 आयु वाले अधिक होते हैं। पिछले महीनेभर के दौरान यहां दिल्ली- एनसीआर से हार्ट अटैक वाले दिल मरीज की संख्या सितंबर- अक्टूबर की तुलना में काफी बढ़ गई है। कार्डियोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया (सीएसआई) के पूर्व महासचिव और कोलकाता के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. देबब्रत रॉय ने बताया कि ठंड का मौसम दिल के दौरे के लिए सबसे खतरनाक होता है। आउटिंग के दौरान अनियमित शारीरिक गतिविधि (जैसे- आउटिंग के दौरान बेहद ठंड एरिया में घूमना, पहाड़ चढ़न या क्षमता से अधिक शारीरिक कार्य) और अनहेल्दी खानपान से इसकी आशंका बढ़ जाती है। कई रिसर्च में सामने आ चुका है कि अब युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं।