Patalkot Express Fire: रेल कोच में आग लगने का नहीं खुला राज, 30 दिनों में आएगी रिपोर्ट
Updated : Sat, 28 Oct 2023 05:09 PM

Patalkot Express Fire आगरा में हुए ट्रेन हादसे को अभी तक कोई भूल नहीं पाया है। यात्रियों ने बताया कि पातालकोट एक्सप्रेस 25 अक्टूबर की दोपहर साढ़े तीन बजे कैंट स्टेशन पर पहुंची। पांच मिनट रुकने के बाद यह ट्रेन ग्वालियर के लिए रवाना हो गई। साधारण कोच की छत से तरल पदार्थ गिरने लगा। यह वाकया दोपहर 3.42 बजे हुआ। तरल पदार्थ के गिरते ही धमाका हुआ।
उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज जोन के प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी नरेंद्र कुमार ने शुक्रवार को पातालकोट एक्सप्रेस के साधारण कोच में आग लगने की जांच की। डेढ़ दर्जन यात्रियों, रेल अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान लिए गए लेकिन अभी तक कोच में आग लगने का राज नहीं खुला है।
शाम को चार सदस्यीय टीम प्रयागराज के लिए रवाना हो गई। ट्रेन की चौथी बोगी से आग तीसरी बोगी में पहुंच गई थी। चार सदस्यीय जांच टीम ने कई यात्रियों से फोन पर बात की। सदस्यों ने आग लगने की वजह को जानना चाहा।
यात्रियों ने बताया कि पातालकोट एक्सप्रेस 25 अक्टूबर की दोपहर साढ़े तीन बजे कैंट स्टेशन पर पहुंची। पांच मिनट रुकने के बाद यह ट्रेन ग्वालियर के लिए रवाना हो गई।
भांडई स्टेशन से निकलते ही साधारण कोच की छत से तरल पदार्थ गिरने लगा। यह वाकया दोपहर 3.42 बजे हुआ। तरल पदार्थ के गिरते ही धमाका हुआ। कोच में धुआं भर गया और आग लग गई। टीम ने एसएन अस्पताल में भर्ती हुए यात्रियों के भी बयान लिए।
यात्रियों ने बताया कि आग लगते ही चीख पुकार मच गई थी। सब कोच से बाहर निकलने की होड़ में आ गए थे। जैसे ही ट्रेन की गति धीमी हुई। कई यात्री कूदे गए। ट्रैक के किनारे पड़े पत्थर सिर व हाथ में लगे। कई यात्रियों के पैर व हाथ जल गए।
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि सूचना मिलते ही ओवरहेड इलेक्ट्रिक (ओएचई) को बंद कर दिया गया था। इससे ट्रेन को बिजली की आपूर्ति भी बंद हो गई। गेटमैन यशपाल सिंह सहित अन्य ने बताया कि कोच में लगी आग को बुझाने का हर प्रयास किया गया। इसके चलते ट्रैक के किनारे खड़ी झाड़ियों में भी आग लग गई।