Prayagraj News: हैकरों के खिलाफ ये संस्थान कर रहे सरकार का सहयोग, हर साल दे रहे 50 साइबर एक्सपर्ट
Updated : Tue, 29 Aug 2023 04:57 PM

भारत सरकार ने जिस तरह से डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दिया है, उससे साइबर हमले के खतरे भी बढ़े हैं। ऐसे में इन खतरों से निपटने के लिए साइबर विशेषज्ञ की भी जरूरत बढ़ी है। प्रयागराज के एमएनएनआईटी और आईआईआईटी दोनों संस्थानों में एमटेक इनफार्मेशन सिक्योरिटी की 25-25 सीटें हैं और प्रतिवर्ष 50 से अधिक साइबर विशेषज्ञ निकलते हैं। एमएनएनआईटी में 2007 से और आईआईआईटी में 2014 से इनफार्मेशन सिक्योरिटी पर एमटेक पाठ्यक्रम चल रहा है।
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) के एमटेक इनफार्मेशन टेक्टोलाजी सिक्योरिटी के प्रोफेसर बृजेंद्र सिंह ने कहा कि डिजिटलाइजेशन बढ़ने साइबर एक्सपर्ट के रूप में रोजगार की संभावनाएं भी काफी बढ़ी हैं। हर वर्ष साइबर विशेषज्ञ की नौकरियों में 30 से 50 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हो रही है। अभी भी हर इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में हार्डवेयर के लिए चीन सहित अन्य देशों पर निर्भर हैं। दूसरे देशों पर निर्भरता के डाटा या सूचना लीक होने और चोरी होने का खतरा बढ़ता जा रहा है।
जी-20 की बैठकों में भी डाटा सुरक्षा के लिए साइबर एक्सपर्ट की बढ़ती जरूरतों और इस क्षेत्र में रोजगार की बढ़ती संभावनाओं पर विस्तार चर्चा हो चुकी है। वहीं मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) में एमटेक इनफार्मेशन सिक्योरिटी विभाग के डॉ. शशांक श्रीवास्तव कहते हैं कि जितना ज्यादा हम डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रहे हैं, उतनी की साइबर विशेषज्ञ की मांग भी बढ़ रही है।
श्रीवास्तव ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट के प्रयोग से इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर काम करता है। अस्पताल, स्कूल, सरकारी विभाग, कृषि, उद्योग सभी स्मार्ट होने हैं। ऐसे में डाटा की सुरक्षा भी अहम है। पश्चिमी देशों की तुलना में भारत में डिजिटल लेनदेन का प्रयोग ज्यादा होता है। तेजी से हम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की ओर बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसी शुरूआती दौर में साइबर हमले के खतरे की संभावना ज्यादा है। ऐसे में विशेषज्ञ की मांग भी बढ़ेगी। आने वाले कुछ वर्षों में साइबर विशेषज्ञ के लिए नौकरियों की बाढ़ आने वाली है। यह भी संभव है कि जरूरत के आधार पर विशेषज्ञ की ही कमी हो जाए।