India Manufacturing Sector: मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की राह पर हम, 76 वर्षों की मेहनत का दिखने लगा है रंग
Updated : Fri, 11 Aug 2023 05:02 PM

आगमी 15 अगस्त को देश 77वां स्वतंत्रता दिवस मानएगा। यह दिन हम सभी भारतीय के लिए गर्व का दिन होता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि पिछले 76 साल में हमने कितनी तरक्की की है। जब देश की तरक्की की बात आती है तो ऑटोमोटिव, इंजीनियरिंग, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स जैसे तमाम सेक्टर में ग्रोथ होना जरूरी है।
ग्रोथ में विनिर्माण यानी मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की भूमिका का अधिक महत्व होता है। आज ही यानी शुक्रवार को एनएसओ ने एक आंकड़ा जारी कर बाताया कि जून के महीने में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 3.1 प्रतिशत बढ़ा है। तो चलिए जानते हैं हमने मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में कितनी तरक्की की है।
मैन्युफैक्चरिंग के हर क्षेत्र में मजबूत प्रदर्शन
पिछले 76 साल में हमने ऑटोमोटिव, इंजीनियरिंग, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं जैसे प्रमुख क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन की बदौलत विनिर्माण के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धी हासिल की है। दुनिया की स्थिति और हाल ही में भारत के पक्ष में आए कई आंकड़ों के आधार पर यह स्पष्ट है कि भारत भविष्य में विनिर्माण का आधार बनेगा।
भारतीय विनिर्माण उद्योग ने महामारी से पहले भारत की जीडीपी का 16-17 प्रतिशत उत्पन्न किया था और इसे सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक माना जाता है। पिछले साल ही भारत यूके को पछाड़ कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना था और अब उम्मीद है कि साल 2047 तक देश 15 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
क्या है मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ने का राज?
किसी भी देश में विनिर्माण तब बढ़ता है या मजबूत होता है जब वहां की सरकार विनिर्माण के लिए अनुकुल परिस्थितयां बनाएं। पिछले कई वर्षों से हमारी सरकार ने भी देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए ऐसे कई परियोजनाएं जैसे प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। चलिए समझते हैं पूरा हिसाब-किताब।
MSME के लिए सरकार क्या उठा रही है कदम?
एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, जो देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में लगभग 30 प्रतिशत और विनिर्माण उत्पादन में 45 प्रतिशत योगदान देते हैं। एमएसएमई भारत की 11 करोड़ आबादी को रोजगार प्रदान देता है।