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दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट में दोषी सैन्यकर्मी को आजीवन कारावास, एक लाख रुपये जुर्माने से किया दंडित

Updated : Fri, 11 Aug 2023 04:54 PM

दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट में दोषी सेना में नायक के पद पर कार्यरत एन.घनश्याम को विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट प्रमेंद्र कुमार ने आजीवन कारावास सुनाया। उसे एक लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया। सजा पाने वाला एन.घनश्याम मणिपुर के थोबल जिले का रहने वाला है।

पीड़िता ने भोपाल में महिला थाना में वर्ष 2019 में आरोपित एन. घनश्याम के विरुद्ध अभियोग दर्ज कराया था। घटनास्थल आगरा का होने पर वर्ष 2020 में विवेचना सदर थाने स्थानांतरित की गई थी। पीड़िता के पिता वर्ष 2013 में आगरा में सेना में थे। आरोपित घनश्याम घर आता-जाता था। फरवरी 2013 में वह पीड़िता घर पर अकेली थी। आरोपित ने अकेला देख दबोच लिया, उससे अश्लील हरकतें की। डर के चलते उसने इस बारे में किसी को नहीं बताया।

आरोपित एन.घनश्याम ने नहाते समय उसका वीडियो भी बना लिया। इसे दिखाकर डराता, उसे मोबाइल पर अश्लील फिल्म दिखाता। उसका शारीरिक शोषण करता। पीड़िता के पिता का स्थानांतरण होने पर आरोपित भी साथ आया। वहां भी उसने अपनी हरकतें जारी रखी। वर्ष 2016 में यूनिट द्वारा पीड़िता के पिता को वापस बुला लिया गया। अभियोजन की ओर से पीड़िता, माता-पिता, भाई, विवेचक जितेंद्र कुमार सिंह, निरीक्षक प्रमोद पंवार और अजित नायर को गवाही के लिए पेश किया गया।

स्कूल में पाक्सो एक्ट पर कार्यशाला ने बढ़ाया साहस

पीड़िता को आरोपित के विरुद्ध अभियोग दर्ज कराने का साहस स्कूल में पाक्सो एक्ट को लेकर हुई कार्यशाला के बाद हुआ। जिसमें ऐसे लोगों के विरुद्ध अावाज उठाने और स्वजन को जानकारी देने को लेकर काउंसलिंग की गई थी। तब तक पीड़िता 18 वर्ष की हो चुकी थी।

न्यायालय ने आदेश में कहा- यह प्रकरण सामान्य दुष्कर्म का अपराध नहीं

न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि यह प्रकरण एक सामान्य दुष्कर्म का अपराध नहीं है। यह 11 वर्षीय बालिका के साथ ऐसे व्यक्ति द्वारा किया गया है जो जो सशस्त्र बल का सदस्य था। अपराध के समय अभियुक्त 32 वर्षीय शादीशुदा व्यक्ति था। पीड़िता इतनी दहशत में थी, उसे माता-पिता को बताने में सात वर्ष 10 महीने लगे।