'दूसरे ग्रहों पर जीवन की तलाश के लिए रिसर्च का आधार बनेगा Chandrayaan 3' - इसरो के SAC निदेशक
Updated : Thu, 20 Jul 2023 04:26 PM

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का मिशन चंद्रयान-3 की 14 जुलाई को सफल लॉन्चिंग हुई। यह तारीख भारतीय इतिहास में सुनहरे अक्षरों से अंकित हो गई। इसरो ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एलवीएम-3 ने उड़ान भरी।
अगर चंद्रयान-3 चंदा मामा की सतह पर सफल लैंडिंग करता है तो भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों की फेहरिस्त में शामिल हो जाएगा जिसमें अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ (रूस) शामिल हैं। बता दें कि चंद्रयान-3 के 23 अगस्त को चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की संभावना है।
चंद्रयान-3 की मदद से इसरो चंद्रमा पर पानी और खनिज की मौजूदगी की जांच करना चाहता है। अगर दक्षिणी ध्रुव पर पानी और खनिज मिलता है तो यह विज्ञान के लिए बड़ी कामयाबी होगी।
नासा के मुताबिक, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ है और यहां कई और खनिज संपदा मौजूद हो सकती है। चंद्रयान-3 कोई नया मिशन नहीं, बल्कि चंद्रयान-2 का फॉलोअप मिशन है। हालांकि, चार साल पहले लॉन्च किए गए चंद्रयान-2 ने ऑर्बिटर की तैनाती सफलतापूर्वक की थी, लेकिन इसका लैंडर और रोवर तबाह हो गया था।
इसी बीच इसरो के प्रमुख केंद्र स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (SAC) के निदेशक, नीलेश एम. देसाई के साथ जागरण ने खास बातचीत की। इस दौरान मिशन में शामिल तकनीकी प्रगति, चंद्रमा से पृथ्वी पर सूचना पहुंचाने का कम्युनिकेशन माध्यम सहित इत्यादि विषयों पर विस्तृत बातचीत हुई।