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आगरा के इंजीनियरिंग छात्रों ने सूखे कचरे से बनाई बायोगैस, हॉस्टल के मेस में हो सकता है इस्तेमाल

Updated : Fri, 09 Jun 2023 04:54 PM

सूखे कचरे के निस्तारण के लिए नित नए कदम उठाए जाते हैं। प्रयोग हो रहे हैं, जागरूकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में हिंदुस्तान कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के छात्रों ने सूखे कचरे से ईंधन(बायोगैस) तैयार की है।

सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अंतिम वर्ष के छात्रों प्रांजल सोनी, भानु, अक्षत कुमार राव, रजत सिंह, अंकित कुमार, प्रज्ञान कुमार घोष ने विभागाध्यक्ष साकेत बिहारी और रोहित मौर्या के मार्गदर्शन में ईंधन का निर्माण किया। विभागाध्यक्ष साकेत बिहारी ने बताया कि खराब अपशिष्ट प्रबंधन से स्वास्थ्य और स्वच्छता के पहलुओं में जीवन की गुणवत्ता में गिरावट आती है।

हॉस्टल के मेस में किया जा सकता है इसका इस्तेमाल

रोहित मौर्या ने बताया कि संस्थान के छात्रावास, स्टाफ क्वार्टर से प्रतिदिन बड़ी मात्रा में ठोस अपशिष्ट निकलता है, जिसमें लगभग 55 प्रतिशत बायोडिग्रेडेबल कचरा रहता है। जिसे एनएरोबिक डाइजेस्टर सिस्टम के मदद से लगभग 27 घन मीटर बायोगैस का उत्पादन किया गया। इसका इस्तेमाल हॉस्टल के मेस में किया जा सकता है, जिससे प्रति माह लगभग 20 एलपीजी सिलेंडर बचाए जा सकेंगे। इस प्रयोग को वृहद स्तर पर करने की तैयारी है।

छात्रों को दी बधाई

इंजीनियरिंग छात्रों के इस निर्माण कार्य पर शारदा ग्रुप के वाइस चेयरमैन वाइके गुप्ता, कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रो. वीके शर्मा ने बधाई दी। छात्रों के उज्जवल भविष्य की शुभकामना दी। निदेशक डा. राजीव कुमार उपाध्याय ने प्रोजेक्ट में सफलता पाने वाले छात्रों एवं उनकी मार्गदर्शक टीम को भविष्य में इस निर्माण का प्रयोग जन उपयोग में करने के लिए प्रेरित किया।