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Odisha Train Accident: इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के कारण हुआ था ओडिशा रेल हादसा

Updated : Sun, 04 Jun 2023 01:49 PM

Odisha Train Accident ओडिशा के बालेश्वर में हुए रेल हादसे में 275 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इस हादसे के बाद विपक्ष सरकार से इसका कारण और जवाबदेही तय करने को कह रही है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कई नेता रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा तक मांग रहे हैं।

इस बीच आज रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड ने खुलासा किया कि ओडिशा का ये रेल हादसा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुआ।

रेल मंत्री ने बताया कि हादसा इलेकट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के कारण हुआ है, लेकिन अभी रेलवे सुरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट आनी बाकी है। उन्होंने कहा कि हमने जिम्मेदार लोगों की भी पहचान कर ली है और जल्द ही उनपर कार्रवाई होगी। आखिर ये इलेक्ट्रोनिक इंटरलॉकिंग क्या है, जिसके कारण सैकड़ों लोगों की जान गई, आइए जानें..

इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का अर्थ

  • इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग रेलवे के सिग्नलिंग नेटवर्क को कंट्रोल करने का काम करता है।
  • यह एक ऐसी तकनीक है जो ट्रेनों की सुरक्षा के लिए सिग्नल और स्विच के मध्य ऑपरेटिंग सिस्टम को कंट्रोल करता है।
  • इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग एक ऐसा सिस्टम ईजाद करता है, जो ट्रेन की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करता है। ये सिस्टम को सिग्नल देता है कि कब ट्रेन लाइन चेंज कर सकती है।

कैसे काम करता है इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग

  • दरअसल, रेलवे का यह सिस्टम  इलेक्ट्रॉनिक बेस्ड है और यह ट्रेनों को सुरक्षित रूप से लाइन चेंज करने की अनुमति देता है और उसे कंट्रोल भी करता है। रेलवे स्टेशन के पास यार्डों में कई लाइनें मौजूद होती हैं और ट्रेन को ट्रैक बदलने के लिए इन लाइनों पर कुछ प्वाइंट्स होते हैं। 
  • इन प्वाइंट्स पर कई जगह मोटर और कई सेंसर लगे होते हैं। ये सेंसर ट्रेन की स्थिति, गति और अन्य जानकारी को मापते हैं और इस जानकारी को सिग्नलिंग सिस्टम को भेजते हैं। इस प्रक्रिया के कारण ट्रेनों के रियल टाइम संकेत मिलते रहते हैं। लाइन पर लगे प्वाइंट्स और सिग्नल के बीच लॉकिंग काम करती है।
  • दरअसल, प्वाइंट सेट होने के बाद जिन लाइन पर ट्रेन का रूट सेट होता है, उसी पर सिग्नल आता है। इसे इलेक्ट्रोनिक इंटरलॉकिंग कहते हैं। इंटरलॉकिंग का फायदा ये होता है कि अगर लूप लाइन सेट है तो लोको पायलट के पास मेन लाइन का सिग्नल नहीं जाएगा और अगर मेन लाइन सेट है तो लूप लाइन का सिग्नल नहीं जाएगा।

ऐसे हुआ ओडिशा का रेल हादसा

ओडिशा के बालेश्वर में हुआ हादसे के वक्त कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन मेन लाइन की जगह लूप लाइन पर चली गई थी, जहां वो पहले से खड़ी मालगाड़ी से जा टकराई। टक्कर के बाद इसके कुछ डिब्बे दूसरे पटरी पर गिर गए, जहां से बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस जा रही थी।