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Noida Airport से प्रभावित वन्य जीवों के लिए करोड़ों की लागत से बनेगा रीहैबिलिटेशन सेंटर, छह माह में होगा तैयार

Updated : Thu, 01 Jun 2023 03:05 PM

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से प्रभावित वन्य जीव के लिए एनिमल रेस्क्यू सेंटर एवं रीहैबिलिटेशन सेंटर बनाया जाएगा। इसके निर्माण में 5.40 करोड़ की लागत आएगी। वन विभाग छह माह में धनौरी वेटलैंड के नजदीक एनिमल रेस्क्यू सेंटर एवं रीहैबिलिटेशन सेंटर का निर्माण कराएगा।

जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके लिए छह गांव की 1334 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत की गई थी। जमीन अधिग्रहण से पहले प्रभावित क्षेत्र में वन्य जीवों की उपस्थिति एवं उनके पुनर्वास के लिए भारतीय वन्य जीव संस्थान से रिपोर्ट तैयार कराई गई थी।

रिपोर्ट में ये जानकारी आई सामने

संस्थान की रिपोर्ट में बताया गया था कि प्रभावित क्षेत्र में काले हिरण, नील गाय व सारस आदि का प्रवास है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण से इन वन्य जीवों का प्राकृतिक आवास नष्ट हो जाएगा। वन्य जीवों के पुनर्वास एवं सरंक्षण के लिए कार्ययोजना तैयार की गई थी। इसमें एनिमल रेस्क्यू सेंटर एवं रीहैबिलिटेशन सेंटर का निर्माण शामिल था। एयर कार्गो के जरिये आने वाले जीवों को भी इस केंद्र में रखा जा सकेगा।

वहीं वन्य जीवों के कारण नोएडा एयरपोर्ट के निर्माण में भी दिक्कत आ रही है। निर्माण साइट पर भारी मशीनरी व श्रमिकों की मौजूदगी है। साइट पर वन्य जीवों के कारण हादसे की आशंका को देखते हुए विकास कर्ता कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. (नियाल) को पत्र लिखकर वन्य जीवों के पुनर्वास का आग्रह किया था।

वन विभाग को सौंपी गई जिम्मेदारी

नागरिक उड्डयन विभाग ने एनिमल रेस्क्यू सेंटर एवं रीहैबिलिटेशन सेंटर के निर्माण की जिम्मेदारी वन विभाग को सौंपी है। 5.40 करोड़ में से 4.5 करोड़ रुपये एनिमल रेस्क्यू सेंटर एवं रीहैबलिटेशन सेंटर के निर्माण पर खर्च होंगे। इसके अलावा 90 लाख रुपये धनौरी वेटलैंड पर खर्च किए जाएंगे।

एनिमल रेस्क्यू सेंटर एवं रीहैबिलिटेशन सेंटर दस हेक्टेयर जमीन पर होगा। इसमें पांच हेक्टेयर जमीन वन विभाग के पास है। शेष पांच हेक्टेयर जमीन यमुना प्राधिकरण वन विभाग को निश्शुल्क उपलब्ध कराएगा।