World Theatre Day 2023: अनुपम खेर ने गुरुओं को किया याद, राज बब्बर-मनोज बाजपेयी ने साझा कीं थिएटर की यादें
Updated : Mon, 27 Mar 2023 04:58 PM

कला और सिनेमा के बीच का रिश्ता थिएटर यानी रंगमंच के जरिए जुड़ता है। सिनेमा की शुरुआत से पहले दुनियाभर में थिएटर के जरिए अभिनय कला का प्रदर्शन होता रहा है। भारतीय सिनेमा की बुनियाद में भी रंगमंच की ठोस जमीन है, जिसे कई दिग्गज कलाकारों ने अपने समर्पण से मजबूत किया।
हिंदी सिनेमा के तमाम कलाकार ऐसे हैं, जिनकी कामयाबी में रंगमंच की पृष्ठभूमि का बड़ा योगदान रहा है। 27 मार्च को वर्ल्ड थिएटर डे यानी विश्व रंगमंच दिवस के मौके पर कलाकार अपने रंगमंच से जुड़ी यादों को साझा कर रहे हैं।
अनुपम खेर ने बताये ड्रामा टीचर
अनुपम खेर ने एक वीडियो के जरिए अपने सभी गुरुजनों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने इस वीडियो में बताया कि उनकी अभिनय कला के विभिन्न आयामों को निखारने में किन लोगों ने योगदान दिया।
इस वीडियो में अनुपम कहते हैं- ''दोस्तों, इंसान हमेशा जिंदगी के रास्ते से भटकता रहता है और कोई ना कोई हाथ पकड़कर फिर इस रास्ते पर डाल देता है। रंगमंच दिवस के मौके पर मैं अपने तीन ऐसे ड्रामा टीचर्स को सलाम करता हूं, जिन्होंने मुझे एक्टर बनाया।
अनुपम अपने शिक्षकों के बारे में बताते हुए कहते हैं- ''मरहूम श्री बलवंत गार्गी साहब, जिन्होंने मुझे जीवन और थिएटर की विशालता एहसास करवाया। अमाल अलाना, नाटक के किरदारों को पन्ने से उठाकर स्टेज पर कैसे संवारा जाता है, ये उन्होंने मुझे सिखाया। मेरे नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के टीचर, डायरेक्टर और हिंदुस्तानी रंगमंच के बेताज बादशाह हिज एक्सीलेंसी श्री अब्राहम अलकाजी साहब ने सिखाया कि जितना बड़ा आपका दिमाग होगा, उतनी ही बड़ी आपकी दुनिया होगी। जितना गहरा आपका दिल होगा, उतनी ही गहराई तक मानवता समाएगी।''
राज बब्बर ने कहा- जिंदगी की तरह
वेटरन एक्टर राज बब्बर ने अपने थिएटर के दिनों की कुछ अनदेखी तस्वीरें साझा करके लिखा- शेक्सपियर के शब्द, पूरी दुनिया एक मंच है और सारे पुरुष और स्त्रियां महज कलाकार..., सम्भवत: अभिनय कला और रंग मंच का सबसे सही मतबल बताते हैं। थिएटर जीवन की तरह है- कोई रीटेक नहीं, कोई एडिटिंग नहीं, बिल्कुल शुद्ध।