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एसएन मेडिकल कॉलेज में तीमारदारों से मारपीट का मामला; उप मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान, दो जूनियर डॉक्टर निलंबित

Updated : Fri, 17 Mar 2023 05:20 PM

एसएन मेडिकल कॉलेज में ऑपरेशन टलने पर तीमारदारों से मारपीट के मामले में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लिया। एसएन प्रशासन ने शुक्रवार को दो जूनियर डॉक्टर 15-15 दिन के लिए निलंबित किए गए हैं। मरीज को घर से बुलाकर ऑपरेशन के लिए दोबारा भर्ती किया गया। मरीज के स्वजनों से जूनियर डॉक्टरों ने माफी मांगी।

एसएन मेडिकल कॉलेज के अस्थि रोग विभाग में सोमवार को देवरी रोड निवासी विशांत (22) पैर के ऑपरेशन के लिए भर्ती हुआ था। जूनियर डॉक्टरों ने स्वजनों से इम्प्लांट के लिए 12 हजार रुपये जमा कराने के लिए कहा गया। उन्होंने छह हजार रुपये ही जमा कराए। इसके बाद भी बुधवार को ऑपरेशन नहीं किया गया, इसे लेकर विवाद हो गया। मरीज की मां अनीता, बहन दीपांशी के साथ जूनियर डॉक्टरों ने अभद्रता की, धक्कामुक्की की। तीमारदार वीडियो बनाने लगे तो उनके साथ मारपीट की गई। स्वजन मरीज को अपने साथ घर ले गए।

इस मामले में उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने एसएन प्रशासन को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मरीज और उनके स्वजनों को घर से बुलाया गया। अस्थि रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. सीपी पाल ने बताया कि जूनियर डॉक्टर थर्ड ईयर डॉ. लियाकत और डॉ. शैलेंद्र को 15-15 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया है। जूनियर डॉक्टरों ने स्वजनों से माफी भी मांगी है, मरीज को दोबारा भर्ती किया गया है।

बता दें, मरीज दो वर्ष पूर्व दुघटना में घायल हुआ था और मेरठ में ऑपरेशन कराया था। ऑपरेशन के बाद भी पैर सीधा नहीं होता है, मरीज के तीन ऑपरेशन किए जाएगे। आपरेशन में जो भी खर्चा आएगा वह मुख्यमंत्री राहत कोष से दिलवाया जाएगा। जूनियर डॉक्टरों के स्वजनों को भी जानकारी दी जाएगी, वे भी मरीज के स्वजनों से माफी मांगेंगे।

जूनियर डाक्टरों की कराई गई शिनाख्त परैड

मरीज के स्वजनों के सामने जूनियर डाक्टरों की शिनाख्त परैड कराई गई। उन्होंने डा. लियाकत और डा. शैलेंद्र को पहचान लिया। मारपीट करने वाले अन्य जूनियर डाक्टर और कर्मचारी भी चिन्हित किए जा रहे हैं। इनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

मरीज और तीमारदारों से अभद्रता करते हैं जूनियर डाक्टर

इमरजेंसी और वार्ड में भर्ती मरीज और तीमारदार के इलाज के दौरान सवाल जवाब करने पर जूनियर डाक्टर और कर्मचारी भड़क जाते हैं। चिकित्सा शिक्षक कालेज में बहुत कम समय के लिए रहते हैं, इससे विवाद और बढ़ जाता है। जूनियर डाक्टरों के अभद्रता करने पर विरोध करते ही भड़क जाते हैं और मारपीट करने लगते हैं।