आगरा में सिपाही का नवाचार, पुलिस को दिया डिजिटल शक्ति का हथियार
Updated : Wed, 15 Mar 2023 05:20 PM

सिपाही, सुरक्षा का अहसास कराती वर्दी और हाथ में डंडा। यहां छवि बदल रही है। डिजिटल युग में सिपाही की भूमिका भी आगे बढ़ रही है। वर्दी है, लेकिन डंडे की जगह हाथ में मोबाइल और सामने कंप्यूटर है।
चोर-बदमाशों के पीछे भागने के बजाय उनसे सुरक्षा का डिजिटल उपकरण है। सिपाही का नाम है, मोहित। काम है, मोबाइल एप बेस्ड साफ्टवेयर तैयार कर पुलिसिंग को डिजिटल शक्ति प्रदान करना।
मोहित इस काम में सफल हैं, जिसके कारण विभाग उन्हें वर्दी वाला साफ्टवेयर इंजीनियर की संज्ञा देता है। पुलिस विभाग के अधिकारियों में मोहित इसी नाम से जाने जाते हैं। एडीजी कार्यालय में तैनात हेड कांस्टेबल मोहित पुलिस के लिए उपयोगी साफ्टवेयर बनाते हैं।
दो वर्ष में वे पांच मोबाइल बेस्ड साफ्टवेयर बना चुके हैं। एक एप अपराधियों की पहचान में तो दूसरा महिलाओं की बीट पर सक्रियता और गुमशुदा लोगों की तलाश की निगरानी में काम आ रहा है। अब उनसे बनवाए गए नए एप से पुलिस मालखाने को डिजिटल किया जा रहा है।
एडीजी राजीव कृष्ण उनके काम पर मोहित हैं। कहते हैं, मोहित के एप से जोन में पुलिसिंग को काफी मदद मिल रही है। बदायूं के सिविल लाइंस के दहिमी गांव निवासी मोहित कुमार ने वर्ष 2014 में एमसीए की थी। कुछ वर्ष नोएडा, गुरुग्राम और दिल्ली में मल्टीनेशनल कंपनियों में काम किया।
वर्ष 2019 में पुलिस में कांस्टेबल ग्रेड के कंप्यूटर आपरेटर पद पर भर्ती हो गए। मुरादाबाद पुलिस एकेडमी में ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने पुलिस के लिए साफ्टेवेयर पर काम शुरू कर दिया। वे अपने काम और अनुशासन से एडीजी राजीव कृष्ण की नजर में आ गए।