DEI Student Murder In Agra: 1 वर्ष में महज 5 गवाही, 10 सालों से पिता को न्याय का इंतजार, पढ़िए कब क्या हुआ
Updated : Wed, 15 Mar 2023 05:17 PM

आगरा की शोध छात्रा हत्याकांड में 10 वर्ष बाद भी परिवार को न्याय का इंतजार है। एक वर्ष में महज पांच गवाहों की ही गवाही हो सकी है। अभी छह की गवाही और शेष है। लंबे होते न्याय के इंतजार के बाद भी शोध छात्रा के पिता का हौसला टूटा नहीं है। वे आरोपित को सजा दिलाने को अभी डटे हुए हैं। बुधवार को मामले में तारीख है।
दुष्कर्म के बाद की थी हत्या
दयालबाग शिक्षण संस्थान की नैनो बायो टेक्नोलाजी लैब में 15 मार्च, 2013 को शोध छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। हत्या के आरोप में पुलिस ने उदय स्वरूप को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। बाद में मामले की जांच सीबीआइ ने की। अब केस की सुनवाई एडीजे प्रथम की अदालत में चल रही है। 15 मार्च, 2022 तक 42 गवाहों की गवाही हुई थी। शोध छात्रा के पिता ने बताया कि अब तक 47 गवाहों की गवाही हुई है।
कब क्या हुआ
-
15 मार्च 2013: डीईआइ की नैनो बायो टेक्नोलाजी लैब में 24 वर्षीय शोध छात्रा की हत्या। कार खेलगांव के पास मिली थी।
- 17 मार्च 2013: पुलिस ने लैब के पास से शोध छात्रा का लैपटाप बरामद किया।
- 18 मार्च 2013: डीईआइ परिसर की झाड़ियों में छात्रा का मोबाइल बरामद, सिम और मेमोरी कार्ड गायब था।
- 22 अप्रैल 2013: पुलिस ने हत्याकांड में डीईआइ के छात्र उदय स्वरूप और लैब टेकनीशियन यशवीर संधू को जेल भेजा।
- 18 जुलाई 2013: पुलिस ने उदय स्वरूप और यशवीर संधू के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में प्रस्तुत किया। हत्या का कारण दुष्कर्म का प्रयास बताया। यशवीर संधू पर साक्ष्यों को नष्ट करने का आरोप था।
- 22 जुलाई 2013: राज्य सरकार की संस्तुति पर मुकदमा सीबीआइ को स्थानांतरित किया गया।
- l5 जनवरी 2016: सीबीआइ ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। इसमें उदय स्वरूप को हत्या, दुष्कर्म और साक्ष्य नष्ट करने का आरोपित बनाया। यशवीर संधू को आरोपित नहीं बनाया गया।
- 22 मई 2016: उदय स्वरूप को दोबारा जेल भेजा गया। आरोपित अभी भी जेल में निरुद्ध है।
- दो मई 2018 : प्रदेश सरकार ने केस में प्रभावी पैरवी के लिए पूर्व डीजीसी अशोक कुमार गुप्ता को स्वतंत्र लोक अभियोजक नियुक्त किया।
अदालत पर पूरा भरोसा
शोध छात्रा के पिता का कहना है कि अदालत पर उन्हें पूरा भरोसा है। बचाव पक्ष ने रोड़ा लगाने की कई बार कोशिश की थी। मगर, सफलता नहीं मिली। उनकी ओर से केस को अधिक समय तक चलाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। वे टूटने वाले नहीं हैं। 62 वर्ष की उम्र में वे दिल्ली से हर तारीख पर आते हैं। उनका कहना है कि बेटी उनके सपने में आती है।