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भाजपा विधायक डा. जीएस धर्मेश बोले-नगर निगम का अभियंता सबसे भ्रष्ट, सीएम को भेजी शिकायत

Updated : Mon, 13 Mar 2023 05:23 PM

भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की नीति पर काम कर रही योगी सरकार में भाजपा विधायक ने नगर निगम के अधिशासी अभियंता और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी आरके सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने रिश्वत लेकर टेंडर देने से लेकर विकासकार्यों में कमीशनखोरी का आरोप लगाया है। साथ ही अधिशासी अभियंता पर बेनामी संपत्तियाें की जांच विजिजेंस से कराने को अाग्रह किया है। अपने ऊपर लगाए गए आरोपों पर अधिशासी अभियंता बोलने से बच रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था

छावनी विधान सभा क्षेत्र से भाजपा विधायक डा. जीएस धर्मेश ने 28 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था। यह पत्र सोमवार को सार्वजनिक हुआ है। पत्र में विधायक ने नगर निगम के अधिशासी अभियंता पर जन समस्याओं के प्रति लापरवाही बरतने और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। इसमें कहा है जी-20 के कार्यों में नगर निगम के अधिशासी अभियंता द्वारा उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया और बेनामी संपत्ति अर्जित की है । यह अभियंता रिश्वतखोर और कमीशन खोर है। बिना टेंडर के अपने चहेते ठेकेदारों से बड़ा कमीशन लेकर कार्य कराए हैं।

ये लगाए हैं आरोप

  • ताजगंज क्षेत्र में स्मार्ट सिटी में हर घर नल पहुंचाने के लिए जो पाइप लाइन बिछाई है, उससे घरों में जल संयोजन नहीं किया गया है। मीटर के नाम पर चाइना के सस्ते मीटर लगाए गए। इनकी कीमत 800 से 1000 रुपये तक की है। इनमें से कुछ मीटर लगते ही खराब हो गए।
  • विधायक द्वारा कई बार कहे जाने के बाद भी स्मार्ट सिटी के तहत कराए गए विकास कार्यों की गुणवत्ता बहुत निम्न स्तर की रही है। नाली खड़ंजा निर्माण कार्य के नाम पर खानापूर्ति की गई है। मेनहाल पर प्लास्टिक के ढक्कन लगाए गए हैं, जो आवागमन से टूट गए हैं।
  • उच्च स्तर पर कमीशनखोरी और रिश्वतखोरी से अधिशासी अभियंता ने गाजियाबाद, लखनऊ और पटना में बेनामी संपत्ति अर्जित की है। पटना में अपने भाई के नाम पर बड़े माल का निर्माण भी कराया है।
  • अधिशासी अभियंता आरके सिंह हाल में ही ट्रेन से लखभग 1.5 करोड़ रुपये की रिश्वत की धनराशि लेकर पटना गए थे और हवाई जहाज से वापस आए। यह क्रम लगातार चल रहा है।
  • नगर निगम और जी-20 प्रतिनिधियों के आगमन से पहले कराए गए विकास कार्यों में उच्च धनराशि के टेंडर वाले व्यक्ति को टेंडर देकर निर्माण करार्य कराए हैं, जबकि कम बोली वाले को टेंडर मिलना चाहिए था।
  • अभियंता द्वारा पार्षदों की शिकायतों को भी गंभीरता से नहीं लिया जाता, जिससे कई बार विवाद हुआ।
  • 143 करोड़ की लागत से ताजमहल क्षेत्र की जनता के लिए शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पाइप लाइन बिछाई गई, लेकिन क्षेत्र में पानी नहीं आ रहा है। क्षेत्रीय लोगों को संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता है।