आगरा मेट्रो ट्रेन की पहली झलक, डिपो पर पहुंचे पहली ट्रेन के कोच
Updated : Mon, 06 Mar 2023 05:07 PM

आगरा में मेट्रो के कोच की झलक देखने को मिली। आगरा मेट्रो के एमडी सुशील कुमार द्वारा पूजा करने के बाद उतारे गए मेट्रो कोच। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने पहली ट्रेन को अपलोड किया है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कमिश्नरी स्थित डिपो में पहली मेट्रो ट्रेन को अपलोड करने का शुभारंभ किया।
शहर में 30 किलोमीटर लंबा होगा ट्रैक
- शहर में 30 किलोमीटर लंबा मेट्रो ट्रैक होगा
- इसमें प्राथमिकता वाले कॉरिडोर में 6 किलोमीटर का ट्रैक शामिल है
- कुल 35 ट्रेनों का संचालन होगा। प्राथमिकता वाले कॉरिडोर में 6 ट्रेनें शामिल हैं
- प्राथमिकता वाले कॉरिडोर में तीन भूमिगत और तीन एलिवेटेड स्टेशन हैं
- दिसंबर 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेट्रो प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था
- फरवरी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेट्रो के साथ भूमिगत स्टेशनों का शिलान्यास किया
- यह स्टेशन 1800 करोड़ रुपये से बन रहे हैं
आगरा मेट्रो में होंगी ये दस विशेषताएं
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आगरा की मेट्रो ट्रेनों में एक बार में 974 यात्री सफर कर सकेंगे। साथ ही ट्रेनों की रफ्तार 80-90 किमी प्रति घंटा तक होगी।
- आगरा मेट्रो ट्रेनें आधुनिक फायर और क्रैश सेफ्टी युक्त डिजाइन की गई हैं।
- प्रत्येक मेट्रो ट्रेन में 24 सीसीटीवी कैमरे होंगे, इससे घटना का बचाव करने में सहायता मिलेगी। इनकी फुटेज ट्रेन आपरेटर और डिपो में बने सिक्योरिटी रूम में पहुंचेगी।
- प्रत्येक ट्रेन में 56 यूएसबी चार्जिंग प्वाइंट और 36 एलसीडी पैनल्स भी होंगे।
- मेट्रो ट्रेनों में टाक बैक बटन की सुविधा भी दी गई है, जिससे इमरजेंसी कंडीशन में यात्री ट्रेन आपरेटर से बात कर सकें।
- आटोमेटिक ट्रेन (Automatic Metro Train)आपरेशन के तहत ये ट्रेनें संचारित आधारित ट्रेन नियंत्रण प्रणाली से चलेंगी।
- वायु प्रदूषण कम करने को ट्रेनों में मार्डन प्रापल्सन सिस्टम होगा।
- सभी ट्रेनों को रीजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस किया गया है, ताकि ब्रेक लगाए जाने से उत्सर्जित 45 फीसद ऊर्जा को फिर से इस्तेमाल किया जा सके।
- ट्रेनों में कार्बन-डाई-आक्साइड सेंसर आधारित एयर कंडीशनिंग सिस्टम भी दिया गया है, जो ट्रेन में मौजूद यात्रियों की संख्या के हिसाब से चलेगा और ऊर्जा की बचत करेगा।
- मेट्रो का बुनियादी ढांचा बेहतर और सुंदर दिखाई दे इसके लिए मेट्रो ट्रेनें तीसरी रेल से ऊर्जा प्राप्त करेंगी, ताकि इसमें खंभों और तारों के सेटअप की आवश्यकता न पड़े।