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अगर दिमाग न लगाएं तो एंटरटेनिंग है अक्षय कुमार की 'सेल्फी'

Updated : Fri, 24 Feb 2023 07:13 AM

सेल्‍फी वर्ष 2019 में रिलीज मलयालम फिल्‍म ड्राइविंग लाइसेंस की रीमेक है। मूल फिल्‍म देख चुके दर्शक सही-सही बता सकेगे कि हिंदी संस्‍करण्‍ में क्‍या छूटा है या क्‍या जोड़ा गया है? हिंदी में बनी यह फिल्‍म खुद में मुकम्‍मल है। तो चलिए जानते हैं कि कैसी है अक्षय कुमार की सेल्फी...

ये है कहानी 

कहानी सुपरस्‍टार विजय कुमार (अक्षय कुमार) और उनके प्रशंसक ओम प्रकाश अग्रवाल (इमरान हाशमी) की है। विजय कुमार अपनी फिल्‍म की शूटिंग के लिए भोपाल आता है। क्‍लामेक्‍स की शूटिंग की अनुमति के लिए उसे ड्राइविंग लाइसेंस चाहिए होता है। वहां की कारपोरेटर विमला (मेघना मलिक) भी अभिनेता की प्रशंसक होती है। विजय उनसे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में मदद मांगता है। आरटीओ सब इंस्‍पेक्‍टर ओम प्रकाश चाहता है कि विजय उसके आफिस आए ताकि वो अपने बेटे के साथ सेल्‍फी ले सके।

ड्राइविंग लाइसेंस से शुरू हुआ किस्सा

ड्राइविंग का शौकीन विजय ड्राइविंग लाइसेंस के लिए सुबह खुद गाड़ी चलाकर आरटीओ आफिस पहुंचता है। वहां बड़ी संख्‍या में मीडियाकर्मी मौजूद होते हैं। वे विजय से सवाल पूछने लगता है कि वह बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाकर आया है। गलतफहमी के चलते विजय का गुस्‍सा ओम प्रकाश पर फूट पड़ता है। वह ओम प्रकाश की उसके सीनियर्स और बेटे के सामने बेइज्‍जती कर देता है।

इमरान हाशमी को चाहिए अक्षय की सेल्फी

ओम प्रकाश तय कर लेता है कि बिना टेस्‍ट दिए विजय को लाइसेंस नहीं मिलेगा। उधर विजय का प्रतिद्वंद्वी कलाकार सूरज कुमार (अभिमन्‍यु सिंह) इस बात से परेशान है कि विजय की फिल्‍में हिट हो रही। उसका करियर गर्त में जा रहा है। वह चाहता है कि दीवाली पर उसे सोलो रिलीज मिले। क्‍या विजय लाइसेंस टेस्‍ट पास कर पाएगा? सूरज किस प्रकार से विजय और ओम की आपसी अहंकार की लड़ाई का फायदा उठाता है। इसी रस्‍साकशी पर कहानी आगे बढ़ती है।

बायकॉट के मुद्दे को भी छूआ

सेल्‍फी इस साल रिलीज होने वाली अक्षय कुमार की पहली फिल्‍म है। फिल्‍मी सितारे हमेशा कहते हैं कि उनका स्‍टारडम उनके प्रशंसकों की वजह से है। फिल्‍म की शुरुआत में अक्षय इस फिल्‍म को प्रशंसकों को ही समर्पित करते हैं। राज मेहता निर्देशित इस फिल्‍म में अस्‍थायी लोकप्रियता, इंटरनेट मीडिया के जमाने में इसका अर्थ और असली स्‍टारडम की महत्‍ता, मीडिया में छाने की कीमत, सितारों को अहंकार के चलते होने वाले नुकसान जैसे पहलुओं को भी कहानी में पियोरा गया है। बायकाटबालीवुड जैसे हैशटैग से निर्माता और कलाकारों को होने वाली दिक्‍कतों का संक्षिप्‍त में जिक्र है। खुद को निर्माता का एक्‍टर कहने वाले विजय की वजह से फिल्‍म का बजट काफी बढ़ चुका है।