शिक्षा में अब सीखने पर फोकस, सरकार लर्निंग आउटकम के मॉडल पर करेगी काम
Updated : Tue, 31 Jan 2023 04:42 PM

शिक्षा के क्षेत्र को मजबूती देने की बात अब सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उसकी परख लर्निंग आउटकम यानी छात्रों के सीखने के स्तर पर होगी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( एनईपी ) के अमल में तेजी से जुटी केंद्र सरकार ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर जुटाने की मुहिम को एक नई ऊंचाई देने के बाद अब एक नए मिशन की तैयारी में है। एक फरवरी को सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले आम बजट में इसे लेकर कुछ ऐलान भी हो सकता है।
आर्थिक सर्वेक्षण में दिए गए संकेत
इसके साथ ही शोध और इनोवेशन के क्षेत्र में भी कुछ बड़े कदम उठाए जा सकते है। केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार को वर्ष 2022-23 के पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में भी इसके संकेत दिए गए है। सर्वेक्षण में पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के हवाले से कहा गया है कि 'सीखना रचनात्मकता देता है, रचनात्मकता विचार की ओर ले जाती है, विचार ज्ञान की ओर ले जाता और ज्ञान ही आपको महान बनाता है।
तय होंगे नए मानक
ऐसे में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए देश को जब फिर से दुनिया में शिक्षा का क्षेत्र में सिरमौर बनाने का सपना देखा गया है, तो इसके लिए दुनिया को प्रमाण भी देना होगा। जो शिक्षा के प्रत्येक स्तर पर हमारे सीखने के स्तर से रेखांकित होगा। फिलहाल सरकार ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। नए मानकों को तय करने पर तेजी से काम किया जा रहा है। लर्निंग आउटकम का यह मॉडल स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा के स्तर पर लागू होगा। इससे न सिर्फ छात्रों के ज्ञान का अनुमान लगेगा बल्कि शैक्षणिक संस्थानों के बीच भी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इस बीच पीएम-श्री स्कूलों के जरिए एनईपी जमीन पर उतरते दिखेगी।
डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल को मिलेगी और गति
इसके साथ ही बजट में शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल को और गति मिलते भी दिखेगी। सरकार ने इस दिशा में यह पहल तब की है, जब शिक्षा से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के स्तर पर देश को एक नई ऊंचाई मिल चुकी है। शिक्षा मंत्रालय से जुड़ी एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के 88 प्रतिशत स्कूलों के पास मौजूदा समय में पुस्तकालय की सुविधा है।