राष्ट्र की प्रगति के लिए जाति और क्षेत्रवाद को दूर रखना जरूरी- योगी आदित्यनाथ
Updated : Mon, 30 Jan 2023 05:14 PM

महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बंजारा महाकुंभ को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राष्ट्र की प्रगति के लिए जाति और क्षेत्रवाद को दूर रखना जरूरी है। छह दिन चले इस महाकुंभ में आठ राज्यों से आए लाखों बंजारों एवं घूमंतू जातियों ने भाग लिया। आज इस समापन दिवस पर कुंभ को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी संबोधित किया।
आज बंजारा महाकुंभ के समापन दिवस पर कुंभ को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि हम जाति एवं क्षेत्रवाद के भेद को दूर रखने में कामयाब हो सकें, तो दुनिया की कोई ताकत हमारी प्रगति को रोक नहीं सकती। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मतांतरण रोकने के लिए बनाए गए कानून का जिक्र करते हुए योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने मतांतरण को रोकने के लिए इतने कड़े कानून बनाए हैं कि ऐसा प्रयास करनेवालों को 10 साल तक कैद की सजा हो सकती है।
कुछ लोग धार्मिक मतांतरण में लगे हुए: योगी
यह कानून नवंबर 2020 में बनाया गया था। योगी ने कहा कि कुछ लोग धार्मिक मतांतरण में लगे हुए हैं। हमें उन्हें रोकना होगा और मिलकर काम करना होगा। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के नारे को चरितार्थ करके ही हम धार्मिक मतांतरण रोकने में कामयाब हो सकते हैं। योगी ने कहा कि यह देश सनातन धर्म से चल रहा है। सनातन धर्म का अर्थ ही मानवता है।
बता दें कि अखिल भारतीय गोर बंजारा और लबाना नायकड़ा समाज कुंभ जलगांव जिले के गोद्री गांव में 25 जनवरी से चल रहा था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहयोग से आयोजित इस महाकुंभ में आठ राज्यों से आए बंजारा समाज एवं घूमंतू जातियों के लाखों लोगों ने भाग लिया।
कुंभ को सफल बनाने के लिए बंजारा समाज से जुड़े संतों ने 11,500 से अधिक बंजारा तांडों (गांवों) का दौरा किया। इस दौरान उन्हें पता चला कि इनमें से 3000 तांडों का ईसाईकरण हो चुका है। इस प्रकार हो रहे मतांतरण को ध्यान में रखते हुए बंजारा कुंभ में दो प्रमुख प्रस्ताव पास किए गए हैं।
पहले प्रस्ताव में कहा गया है कि पूज्य बालाजी, जगदंबा माता एवं भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर बंजारा समाज के हर तांडे पर होंगे, और गांव का हर परिवार सुबह-शाम इन मंदिरों में होनेवाली आरती में जाएगा और अपनी परंपराओं की रक्षा करेगा। दूसरे प्रस्ताव में कहा गया है कि स्वतंत्रता के बाद के 75 वर्षों में ईसाई आबादी 10 गुना बढ़ी है। इसका कारण धर्मांतरण है। इसलिए विभिन्न राज्यों में जिन भाइयों ने भ्रमित होकर धर्म परिवर्तन कर लिया है, उन सबकी घर वापसी के प्रयास किए जाएंगे।