बिना गारंटी वाली MSME लोन स्कीम अगले वित्त वर्ष में भी रह सकती है जारी
Updated : Thu, 26 Jan 2023 04:35 PM

इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) या बिना गारंटी वाले एमएसएमई लोन की सुविधा को सरकार अगले वित्त वर्ष 2023-24 में भी जारी रख सकती है। कोरोना काल में एमएसएमई की वित्तीय सुरक्षा के लिए वित्त मंत्रालय की पहल पर वर्ष 2020 के मई में ईसीएलजीएस की शुरुआत की गई थी। शुरू में इस स्कीम के तहत एमएसएमई को 3.5 लाख करोड़ रुपए का लोन दिया जाना था, लेकिन जरूरत को देखते इस स्कीम की अवधि भी बढ़ती रही और इस स्कीम के तहत पांच लाख करोड़ रुपए तक का लोन देने का फैसला किया गया। इस साल 31 मार्च को ईसीएलजीएस स्कीम की अवधि समाप्त हो रही है।
14 लाख MSME को वित्तीय संकट से बचाव
एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस लोन स्कीम की वजह से कोरोना काल में 14.6 लाख एमएसएमई को वित्तीय संकट से बचाया जा सका। इस स्कीम के तहत लोन मिलने से ये इकाइयां दिवालिया होने से बच गई। ईसीएलजीएस के तहत अब तक 3.7 लाख करोड़ रुपए के लोन दिए जा चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इस स्कीम के तहत दिए जाने वाले लोन की शर्तों को आसान बनाया जाएगा ताकि सर्विस सेक्टर से जुड़े एमएसएमई भी आसानी से लोन ले सके। रूस-यूक्रेन के बीच होने वाले युद्ध को देखते हुए एमएसएमई को सहायता देने की आवश्यकता है। जानकारों के मुताबिक, वैश्विक मंदी को देखते हुए छोटे उद्यमी खासकर निर्यात से जुड़े कार्य करने वाले उद्यमियों की वित्तीय स्थिति प्रभावित हो सकती है।
मंत्रालय में हुई सिफारिश
एमएसएमई मंत्रालय की तरफ से भी ईसीएलजीएस को जारी रखने की सिफारिश की गई है। इस लोन की सबसे बड़ी खासियत है कि उद्यमियों को बिना किसी गारंटी के इस स्कीम के तहत जरूरत के हिसाब से लोन मिल जाते हैं।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम को मिलेगा बढ़ावा
एमएसएमई मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम को भी आगामी बजट में प्रोत्साहित किया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में 50 लाख रुपए, जबकि सर्विस सेक्टर में 20 लाख रुपए तक की यूनिट स्थापित की जा सकती है। शहरी क्षेत्र में यूनिट लगाने पर सरकार की तरफ से 15-25 फीसद लागत राशि दी जाती है।