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दिल्ली में माता-पिता को खो चुके छात्रों को मिलेगी मुफ्त शिक्षा, शिक्षा निदेशालय ने मदद का बढ़ाया हाथ

Updated : Mon, 23 Jan 2023 05:23 PM

कोरोना महामारी के दौरान राजधानी के निजी स्कूलों में पढ़ रहे बहुत से छात्रों ने अपने अभिभावकों को खोया है। जिसके बाद ये छात्र अनाथ हो गए हैं। शिक्षा निदेशालय ने अब इन छात्रों की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है।

अनाथ छात्रों की माफ होगी फीस 

निदेशालय की निजी स्कूल शाखा ने कहा कि डीडीए और निजी जमीनों पर बने सभी निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र, जो कोरोना या अन्य कारणों से अनाथ हो गए हैं उन सभी की फीस माफ होगी। वहीं, सभी उप शिक्षा निदेशकों को छात्रों की शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करनी होगी।

निदेशालय ने कहा कि सरकार द्वारा आवंटित भूमि और निजी भूमि में संचालित होने वाले सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूल और गैर-सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक स्कूलों में पढ़ने वाले नर्सरी से आठवीं तक के वो छात्र जो वर्ष 2020 के बाद अनाथ हो गए हैं।

वंचित समूह में शामिल करने का निर्देश

उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) या वंचित समूह (डीजी) के अंतर्गत शामिल किया जाए। स्कूल इस श्रेणी के सभी छात्रों की प्रतिपूर्ति का दावा शिक्षा निदेशालय से लेंगे। वहीं, नौवीं से 12वीं तक के जो छात्र वर्ष 2020 के बाद अनाथ हो गए हैं उन्हें तत्काल स्कूल फ्रीशिप श्रेणी में शामिल किया जाए और इस श्रेणी में लागू सभी लाभ छात्र को दिए जाए।

वहीं, निजी भूमि पर संचालित सभी निजी और अल्पसंख्यक स्कूलों में नौवीं से 12वीं तक की कक्षाओं के छात्रों को सरकारी स्कूलों में दाखिला लेकर पढ़ाई पूरी करने को लेकर मार्गदर्शित किया जाए। निदेशालय के एक अधिकारी ने कहा कि किसी भी छात्र की आर्थिक कारणों से पढ़ाई बीच में ही न रुके इसके लिए निजी स्कूलों में पढ़ने वाले नौवीं से 12वीं तक के छात्र सरकारी स्कूलों में दाखिला ले सकते हैं।