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नोटिस के आठ महीने बाद भी ध्वस्त न हुई लविप्रा की जमीन पर बनी मुख्तार के करीबी की अवैध बिल्डिंग

Updated : Tue, 27 Dec 2022 12:31 PM

पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के करीबियों की नियम विपरीत बनायी गई अवैध बिल्डिंग पर कार्रवाई से लविप्रा के अफसर पीछे हट रहे हैं। लविप्रा की जमीन पर ही बनी जिस बिल्डिंग का गाजीपुर कनेक्शन निकला था, वह ध्वस्तीकरण आदेश के आठ महीने बाद भी उसी तरह खड़ी है। इतना ही नहीं उस बिल्डिंग का शमन मानचित्र स्वीकृत कराने की कार्रवाई भी गुपचुप तरीके से शुरू हो गई। बिल्डिंग को बिजली का कनेक्शन भी मिल गया।

अब मामला लविप्रा उपाध्यक्ष डा. इंद्रमणि त्रिपाठी तक पहुंचा तो उन्होंने बिजली कनेक्शन काटने के लिए लेसा को पत्र लिखा है। प्रवर्तन निदेशालय ने इसी साल मई में मुख्तार अंसारी और उनके परिवार के नाम से जुड़ी संपत्तियों का ब्योरा लविप्रा से मांगा था। जांच के दौरान लालबाग स्थित लविप्रा कार्यालय के ठीक बगल में एक बिल्डिंग की जानकारी हुई थी। बिल्डिंग गाजीपुर के रहने वाले बिल्डर रईस आलम सिद्दीकी की थी। लविप्रा की जमीन का कुछ हिस्सा भी बिल्डर ने वर्ष 2014 में इस बिल्डिंग को बनाते समय मिला लिया । इसी साल मई में बिल्डिंग को गिराने की नोटिस दी गई। कुछ दिनों तक बिल्डर ने दो मजदूर लगाकर इसके कुछ हिस्सों को गिराने का दिखावा किया।

इधर लविप्रा ने आंख बंद कर ली तो दूसरी ओर बिल्डर ने काम रोक दिया। बिल्डर ने गुपचुप तरीके से शमन मानचित्र स्वीकृत कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी। इन पर भी मेहरबानी मुख्तार अंसारी के करीबी बिल्डर सिराज इकबाल को लविप्रा ने 30 मई को नोटिस जारी कर एफआइ अस्पताल और एफआइ टावर में अवैध निर्माण को लेकर नोटिस जारी की थी। बताया गया कि 10 हजार वर्गफीट भूमि पर सेटबैक को प्रभावित करते हुए एफआइ टावर का निर्माण किया गया है। इसी तरह एफआइ अस्पताल बनाने में पांच हजार वर्गफीट भूमि के सेटबैक को प्रभावित किया गया था। बिल्डर ने लालबाग में एक अवैध अपार्टमेंट बनाकर बेच दिया था। इस मामले में एक फ्लैट को सील किया गया था।