वैश्विक चुनौतियों के बावजूद सबसे तेजी से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था
Updated : Mon, 26 Dec 2022 04:04 PM

रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन में मंदी, ज्यादा महंगाई और सख्त वित्तीय हालात जैसी चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था दुनियाभर में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में बनी रहेगी। वित्त मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने यह बात कही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने अक्टूबर 2022 के वैश्विक आर्थिक परिदृश्य (डब्ल्यूईओ) में कहा था कि वैश्विक चुनौतियों के कारण दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं मंदी जैसी स्थिति का सामना कर रही हैं।
वैश्विक उत्पादन में कमी के कारण आइएमएफ ने तब भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान भी घटा दिया था। सूत्रों का कहना है कि आइएमएफ ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 2022 में 6.8 प्रतिशत और 2023 में 6.1 प्रतिशत वृद्धि रहने का अनुमान जताया था। हालांकि, सरकार की राय है कि उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर कई अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर थी।
डब्ल्यूईओ रिपोर्ट में कहा गया था कि भूराजनीतिक कारकों का वैश्विक विकास खासतौर पर उन्नत अर्थव्यवस्थाओं पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इन प्रतिकूल घटनाओं के कारण आइएमएफ ने 2022 में वैश्विक वृद्धि के अनुमान को घटाकर 3.2 प्रतिशत कर दिया था, जो 2021 में छह प्रतिशत था। इसी तरह 2023 में वैश्विक वृद्धि दर 2.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था।