क्रूड में नरमी पर पेट्रो कीमतों में राहत नहीं दे रही कंपनियां, जून के मुकाबले 23 फीसद तक सस्ता हुआ क्रूड
Updated : Thu, 24 Nov 2022 04:36 PM

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो हालात बन रहे हैं उससे इस बात के संकेत हैं कि आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में और गिरावट का रुख बन सकता है। सबसे बड़ी वजह तो यह है कि अमेरिका, चीन समेत आर्थिक तौर पर संपन्न बड़े देशों मे मैन्यूफैक्चरिंग की गतिविधियां वैश्विक मंदी की वजह से धीमी पड़ रही हैं। इससे क्रूड की मांग कम होने के संकेत मिल रहे हैं। दूसरा कारण यह है कि 05 नवंबर, 2022 से अमेरिका व इसके साझेदार मित्र देशों की तरफ से रूस के क्रूड की कीमतों को लेकर एक सीमा तय की जानी है। यह सीमा कितनी होगी, इसका खुलासा अभी नहीं किया गया है लेकिन बाजार में अनुमान है कि यह कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे रहेगी।
अंतरराष्ट्रीय इनर्जी एजेंसी (आईइए) के मुताबिक अमेरिका व सउदी अरब के बाद रूस तीसरा सबसे बड़ा वैश्विक तेल उत्पादक देश है। वैश्विक तेल उत्पादन में रूस की हिस्सेदारी 12 फीसद है। ऐसे में इनर्जी विश्लेषक मान रहे हैं कि दूसरे बड़े तेल उत्पादक देशों के लिए 70 डॉलर प्रति बैरल से बहुत ज्यादा कीमत रखना आसान नहीं होगा।