बिहार के इस मंदिर में बिना खून बहे पूरी हो जाती है बलि, शिवलिंग के बारे में जानकर हो जाएंगे अभिभूत
Updated : Tue, 15 Nov 2022 06:00 PM

शक्ति की अधिष्ठात्री देवी दुर्गा की आराधना में लोग तल्लीन हैं। नवरात्र के इस पावन दिन में शहर से लेकर गांव तक लोग माता की भक्ति में डूबे हैं। ऐसे में हम बात कर रहे हैं कैमूर जिले में स्थित मां मुंडेश्वरी धाम की। भगवानपुर प्रखंड के पवरा पहाड़ी पर स्थित करीब 21 सौ पुराना यह मंदिर नागर शैली वास्तुकला का नमूना है। वैसे तो सालों भर यहां भक्तों का तांता लगा रहता है कि लेकिन शारदीय नवरात्र में यहां देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं। रामनवमी और महाशिवरात्रि में भी लोग पहुंचते हैं। यहां रक्तविहीन बलि दी जाती है। यह प्रक्रिया देखकर लोग अचरज में पड़ जाते हैं।
कहा जाता है कि इसकी स्थापना 108 ई में बनाया गया था। 1915 के बाद से यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से संरक्षित स्थल है। शिलालेख के अनुसार उदयसेन नामक राजा के शासनकाल में इसका निर्माण कराया गया। यह देश के 51 शक्तिपीठों में शामिल है। मंदिर की बनावट अष्टकोणीय है। मंदिर 2007 में बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के अधीन आ गया था।