इस रेखा से पता चलता है संतान सुख, जानें इससे जुड़ी खास बातें
Updated : Thu, 10 Nov 2022 11:20 AM

हस्तरेखा विज्ञान में आपको हाथ की रेखाओं के जरिए अपने भविष्य की बहुत सी जानकारी प्राप्त हो जाती है। जैसे विवाह, करियर, आयु, संतान आदि। आइए जानते हैं कहाँ होती है हथेली पर संतान रेखा और कैसे संकेत देती हैं ये रेखाएं।
हस्तरेखा विज्ञान का सबसे अच्छा उपयोग जीवन में बीमारियों और अप्रत्याशित घटनाओं की भविष्यवाणी करने के लिए पहले इस्तेमाल किया जाता था। केवल एक विद्वान हस्तरेखाविद् ही प्रत्येक को सटीक रूप से भेद करने में सक्षम होगा। हस्तरेखा विज्ञान में आपको हाथ की रेखाओं के जरिए अपने भविष्य की बहुत सी जानकारी प्राप्त हो जाती है। जैसे विवाह, करियर, आयु, संतान आदि। हर नवविवाहित दंपति की तमन्ना होती है कि उनको जल्द ही संतान की प्राप्ति हो। किसी भी ज्योतिषी से नवविवाहितों का पूछा जाने वाला पहला प्रश्न संतान के बारे में ही होता है। आपके इन सभी सवालों के जवाब जन्म कुंडली के अतिरिक्त हस्तरेखाओं में भी मिलेगा। आइए जानते हैं कहाँ होती है हथेली पर संतान रेखा और कैसे संकेत देती हैं ये रेखाएं।
हथेली में कहां होती है संतान रेखा
- सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार हथेली में कनिष्ठिका अंगुली के मूल में बुध पर्वत पर ऊपर की ओर स्थित रेखा को संतान रेखा कहा जाता है।
- यह रेखा स्पष्ट होनी चाहिए।
- आपके हाथ में जिनती संतान रेखा होंगी, भविष्य में आपके उतने ही बच्चे होंगे।
- संतान का विचार शुक्र पर्वत पर स्थित रेखाओं से भी किया जाता है।
- हथेली के बाहर की ओर से भीतर आने वाली हॉरिजेंटल लाइन विवाह रेखा कहलाती है।