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UP Weather: अब बादल आएंगे तो बिना बरसे नहीं जाएंगे, IIT कानपुर में चल रहा परीक्षण सात साल बाद हुआ पूरा

Updated : Thu, 14 Mar 2024 03:17 AM

आइआइटी के सलाहकार दीपक सिन्हा ने बताया कि ‘क्लाउड सीडिंग’ यानि कृत्रिम वर्षा मौसम में बदलाव करने का एक वैज्ञानिक तरीका है जिसके तहत कृत्रिम तरीके से बारिश करवाई जाती है। कृत्रिम बारिश के लिए विमानों का इस्तेमाल किया जाता है। इनके जरिए सिल्वर आइयोडइड साल्ट और ड्राई आइस को आसमान में पहले से मौजूद बादलों में छोड़ा जाता है इसे क्लाउड सीडिंग कहते हैं।

बारिश के मौसम में बादलों की आवाजाही तो आपने देखी होगी। कभी-कभी घने बादल छा जाते हैं, लेकिन बारिश के बिना ही वापस चले जाते हैं, लेकिन अब ये बादल बिना बरसे नहीं जा सकेंगे।

आपको सुनकर भले हैरानी हो रही हो, लेकिन परीक्षण पूरा होने के बाद अब इसके प्रदर्शन की तैयारी शुरू हो गई है। इस महीने के अंत तक बादलाें की आवाजाही की संभावना को देखते हुए राजधानी में आम लोगों को इस कृत्रिम बारिश में भीगने का अवसर मिलेगा। प्रदेश में पहली बार कृत्रिम बारिश कराई जाएगी।

आइआइटी कानपुर के प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने परीक्षण पूरा कर लिया है। आइआइटी परिसर में परीक्षण के बाद अब इसके प्रदर्शन की तैयारी शुरू हो गई है। अधिकतम ऊंचाई पर विमान उड़ाने की डीजीसीए (नागर विमानन मंत्रालय) ने आइआइटी कानपुर को इसकी अनुमति दे दी है।