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Ayodhya Ram Mandir: विशेष ट्रेन से अयोध्या पहुचेंगे उत्तराखंड के 1500 श्रद्धालु, सबसे पहले करेंगे रामलला के दर्शन

Updated : Tue, 26 Dec 2023 04:20 AM

श्री राम जन्मभूमि मंदिर दर्शन के लिए सबसे पहले उत्तराखंड के 1500 श्रद्धालुओं को विश्व हिंदू परिषद अपने खर्च पर विशेष ट्रेन से अयोध्या लेकर जाएगी। हरिद्वार प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 17 जनवरी से आरंभ होगा।

श्री राम जन्मभूमि मंदिर दर्शन के लिए सबसे पहले उत्तराखंड के 1500 श्रद्धालुओं को विश्व हिंदू परिषद अपने खर्च पर विशेष ट्रेन से अयोध्या लेकर जाएगी। यह ट्रेन 25 जनवरी को देहरादून से चलेगी और हरिद्वार, बरेली होते 26 जनवरी को ट्रेन अयोध्या पहुंचेगी। 27 जनवरी को राम भक्त राम लला के सबसे पहला दर्शन करेंगे।

प्रभु श्रीराम लगभग 500 वर्षों के संघर्ष के पश्चात 22 जनवरी को जन्म स्थान पर बन रहे भव्य मंदिर में पुनः विराजमान होंगे। विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने सोमवार को हरिद्वार में मीडिया के माध्यम से उत्तराखंड वासियों को यह खुशखबरी दी।

होगा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम

हरिद्वार प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 17 जनवरी से आरंभ होगा। 17 जनवरी को रामलला के पांच वर्ष की अवस्था की पांच फीट ऊंची प्रतिमा का नगर भ्रमण होगा। 18 जनवरी को जल व 19 को अन्नवास और 20 जनवरी को शैय्या वास होगा। 21 जनवरी विश्राम होगा। 22 जनवरी को ब्रह्म मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा आरंभ होगी।

अयोध्या में भव्य आयोजन का साक्षी बनेगी नई पीढ़ी

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि राम हमारी प्रेरणा है, हमारी पहचान है, हमारी अस्मिता हैं। धर्म की पुनस्थापना के लिए संघर्ष सदैव से होता आया है, कभी-कभी सृजन के लिए यह आवश्यक भी होता है। श्री राम जन्मभूमि के लिए 76 बार विकट संघर्ष हुआ, इस संघर्ष में हर भाषा, वर्ग, समुदाय व संप्रदाय के लोगों ने सहभागिता की थी। 25 पीढ़ियों के बलिदान, त्याग और समर्पण के प्रतिफल स्वरूप प्राप्त इस भव्य आयोजन की साक्षी वर्तमान की पीढ़ी बनेगी, जिन्होंने वर्तमान के संघर्ष और विजय को प्रत्यक्ष देखा है।