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विपक्षी एकता की कवायद के बीच कांग्रेस से बढ़ रही हैं बीएसपी की नजदीकियां, मायावती के निशाने पर भाजपा व सपा

Updated : Wed, 21 Jun 2023 05:26 PM

 लोकसभा चुनाव को लेकर चल रहे विपक्षी एकता के प्रयासों के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती की ओर से कांग्रेस के करीब जाने के संकेत मिलने लगे हैं। बुधवार को बसपा के प्रदेश कार्यालय में बुलाई गई प्रदेश, जिला व मंडल के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक में मायावती का कांग्रेस के प्रति नरम रुख दिखा।

पिछली तमाम बैठकों से इतर बसपा सुप्रीमो कांग्रेस पर मौन रहीं और सिर्फ भाजपा और सपा पर ही निशाना साधा। हालांकि, लोकसभा चुनाव को लेकर किसी भी तरह के गठबंधन की सीधी घोषणा से उन्होंने परहेज किया और कार्यकर्ताओं को बदलते राजनीतिक हालात व उससे निपटने के लिए विपक्षी दलों की साझा रणनीति पर पैनी नजर रखने की हिदायत दी।

बसपा प्रमुख ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पदाधिकारियों को सौंपी जिम्मेदारियां

संभावना जताई जा रही है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान ही बसपा और कांग्रेस साझा रणनीति तय कर सकते हैं। पदाधिकारियों की बैठक में मायावती ने लोकसभा चुनाव के समय से पहले होने की आशंका जताते हुए चुनाव से पहले ही पदाधिकारियों को सभी तैयारियां कर लेने का निर्देश दिया। इसी को देखते हुए बूथ कमेटियों के गठन के लिए पूर्व में तय की गई 30 अगस्त तक की मियाद को अब 30 जुलाई किया गया है।

बसपा प्रमुख ने मंडल व जिलावार समीक्षा कर पिछले छह माह की बैठकों में दिए गए दिशा-निर्देशों पर हुए जमीनी अमल की जानकारी ली और लोकसभा चुनाव की तैयारियों में कार्यकर्ताओं को पूरी तरह से जुट जाने का निर्देश दिया।

मायावती ने भाजपा पर तनाव व दहशत फैलाने का लगाया आरोप

मायावती ने भाजपा और उनकी सरकार पर महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी जैसी बुनियादी समस्याओं से मुंह मोड़ने का आरोप लगाया। कहा कि इन कमियों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए भाजपा जातिवादी, सांप्रदायिक व धार्मिक उन्माद को छूट व शह दे रहीं हैं। उत्तर प्रदेश सहित भाजपा शासित राज्यों में धर्मांतरण, लव जिहाद, मदरसा जांच और बुलडोजर राजनीति तथा धार्मिक उन्माद फैलाने वाले नफरती बयानों व कार्रवाई से दहशत का माहौल है। उन्होंने भाजपा को इस तरह के बयान और कार्रवाई से बचने की सलाह दी है ताकि तनाव व दहशत का माहौल समाप्त हो।

मायावती ने मणिपुर के जिक्र के साथ ही विशेष रूप से उत्तर प्रदेश की चर्चा करते हुए कहा कि यूपी में कानून-व्यवस्था के मामले में राज्य सरकार फेल साबित हुई है। हिरासत में हत्याएं, अपराधियों में खुलेआम टकराव व सनसनीखेज हत्याओं ने लोगों में दहशत और असुरक्षा पैदा कर दी है। इससे अपराध नियंत्रण के सरकारी दावे की पोल खुलती है।

व्यापार घाटा पांच माह के निचले स्तर पर पहुंचना चिंतनीय

मायावती ने अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि निर्यात घटने के कारण देश का व्यापार घाटा पिछले पांच माह के निचले स्तर पर पहुंच गया है। यह चिंता की बात है।मायावती ने कहा कि ऐसे कठिन समय में जब विश्व की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है। भारत को अपने विकास व आत्मनिर्भरता के साथ आमजन की सुख-शांति व खुशहाली के लिए राजनीतिक स्वार्थ एवं द्वेष का त्याग कर पूरे समर्पण भाव के साथ राष्ट्र के विकास में जुटना होगा।

बसपा कार्यालय से हटाई गईं आंबेडकर, कांशीराम और मायावती की मूर्तियां

बसपा के प्रदेश कार्यालय पर लगी बाबा साहब भीमराव आंबेडकर, बसपा संस्थापक कांशीराम और मायावती की प्रतिमाएं हटा दी गईं हैं। यह प्रतिमाएं कार्यालय से ही सटे मायावती के आवास पर स्थानांतरित की गई हैं।

बसपा पदाधिकारियों का कहना है कि पार्टी कार्यालय में जब बैठक होती है तभी लोग आते हैं जबकि आवास पर दिनभर कार्यकर्ताओं की आवाजाही लगी रहती है। इसीलिए प्रतिमाओं को वहां स्थानांतरित किया गया है।